बोरी बंदर से ठाणे स्टेशन के बीच दौड़ी थी पहली रेल
रेल मंत्री सुरेश प्रभु आज रेल बजट पेश करने जा रहे हैं, जिसपर सबकी निगहें टिकी हुई हैं। भारतीय रेल आज देश के विकास की रीढ़ की हड्डी है, जिसके बिना आगे बढ़ने की कल्पना असंभव लगती है। भारतीय रेल की नींव 18वीं सदी में रखी गई थी। पहली भारतीय
नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु आज रेल बजट पेश करने जा रहे हैं, जिसपर सबकी निगहें टिकी हुई हैं। भारतीय रेल आज देश के विकास की रीढ़ की हड्डी है, जिसके बिना आगे बढ़ने की कल्पना असंभव लगती है। भारतीय रेल की नींव 18वीं सदी में रखी गई थी। पहली भारतीय रेल 16 अप्रैल 1853 को मुंबई के बोरी बंदर स्टेशन (अब छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से ठाणे के बीच चलाई गई थी। इस ट्रेन में लगभग 400 लोगों ने सफर किया था। रेल का यह पहला सफर करीब 34 किलोमीटर लंबा था, जिसने सभी को चौंका दिया था।
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हैरिटेज ट्रेन ‘फ़ेयरी क्वीन’ भारतीय रेलवे के इतिहास की गवाह है। इस ट्रेन में लगे विश्व के सबसे पुराने भाप इंजन का निर्माण सन् 1855 में ब्रितानी कंपनी किटसन ने किया था। साल 1997 के बाद इस ट्रेन को हैरिटेज़ ट्रेन के रूप में चलाया जाने लगा। इस ट्रेन में सफर करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
सन् 1881 को पूर्वोत्तर में पहली बार आधिकारिक तौर पर ‘टॉय ट्रेन’ चली। ये ट्रेन दो फ़ुट चौड़े नैरो गेज ट्रेक पर चलती है और इसकी रफ्तार बहुत कम होती है। इस ट्रेन को यूनेस्को से वर्ल्ड हैरिटेज़ साइट का दर्जा प्राप्त है। ये खिलौना ट्रेन भारत के सबसे ऊंचे रेलवे स्टेशन घूम तक जाती है।
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भारत और पाकिस्तान का बंटवार होने पर 14 अगस्त 1947 को रेल नेटवर्क भी दोनों देशों के बीच बंट गया। इसके बाद 1951 से पहले भारतीय रेलवे के नेटवर्क में 40 से अधिक सिस्टम थे। आज़ादी के चार साल बाद इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। फिलहाल यह लगभग 14 लाख कर्मचारियों के साथ दुनिया में सबसे ज़्यादा रोज़गार देने वाला विभाग है।
भारतीय रेलवे इन दिनों सेमी बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जिसकी शुरुआत जल्द होने की उम्मीद है। सेमी बुलेट ट्रेन 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। वैसे साल 1988 में दिल्ली और भोपाल के बीच शताब्दी एक्सप्रेस शुरू की गई। इसकी रफ़्तार 150 किलोमीटर प्रति घंटा थी। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जन्मशती पर इसे शुरू किया गया था।