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नए सिरे से लिखा जाएगा भारतीय सेना के युद्धों का इतिहास

आने वाली पीढ़ी को भारतीय सेना तथा सशस्‍त्र बलों के अदम्‍य साहस और विजय अभियानों की गाथा सरल भाषा में समझाई जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने भारतीय सेना के युद्ध तथा शांति मिशनों के इतिहास को नए सिरे से लिखवाने की योजना बनाई है। सरकार चाहती है कि स्‍कूली

By Manoj YadavEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2015 07:24 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2015 07:28 PM (IST)
नए सिरे से लिखा जाएगा भारतीय सेना के युद्धों का इतिहास

नई दिल्ली। आने वाली पीढ़ी को भारतीय सेना तथा सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और विजय अभियानों की गाथा सरल भाषा में समझाई जाएगी।

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इसके लिए केंद्र सरकार ने भारतीय सेना के युद्ध तथा शांति मिशनों के इतिहास को नए सिरे से लिखवाने की योजना बनाई है। सरकार चाहती है कि स्कूली शिक्षा में भारतीय सेना के बारे में अच्छी तरह से पढ़ाया जाए।

वर्ष 2020-2022 तक सेना के ऑपरेशन, मिशन और युद्धों से संबंधित कई कॉमिक बुक्स और टेलीफिल्म्स को रिलीज कर दिया जाएगा। इन्हें बनाने का कार्य एक सितंबर से शुरू होने जा रहा है। इसी दिन 1965 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध को 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं।

गौरतलब है कि भारतवर्ष की सेना के रूप में प्रथम विश्व युद्ध पहली जंग था। इसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध में भी भारतीय सेना अंग्रेजों की ओर से शामिल हो चुकी है। आजादी के बाद, एक बार चीन से युद्ध हो चुका है और पाकिस्तान ने कई बार भारतीय सेना से मुंह की खाई है।

भारतीय सेना और सशस्त्र बलों के इतिहास में आजादी के पहले तथा बाद के सभी युद्धक ऑपरेशन्स तथा यूएन शांति मिशनों का उल्लेख किया जाएगा।

भारतीय सेनाओं ने सबसे ज्यादा युद्ध पाकिस्तानी फौज से किया गया है। 1971 की ऐसी ही एक लड़ाई के बाद पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश का उदय हुआ था तथा पाकिस्तानी फौज के 93000 सैनिकों सहित जनरल आमिर एके 'टाइगर' नियाजी से सरेंडर किया था।

इतिहास पुनर्लेखन में चीन के साथ हुए युद्ध को भी शामिल किया जाएगा तथा हैंडरसन ब्रुक्स की रिपोर्ट को इसमें शामिल किया जा सकता है। कारगिल युद्ध की 20वीं वर्षगांठ यानी 2019 में नए सिरे से लिखे गए इतिहास की पहली कड़ी को जारी किया जाएगा।

आसानी से उपलब्ध होगा इतिहास

इस प्रोजेक्ट से जुड़े ब्रिगेडियर स्तर के एक अधिकारी के अनुसार सारी जानकारी को आसान तथा पढ़े जा सकने वाले फारमेट में उपलब्ध कराया जाएगा। गौरतलब है कि चार साल चले प्रथम विश्ययुद्ध में 90 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। वहीं 62000 भारतीय सैनिक घायल हुए थे।

युद्धकों के आंकड़े

  • 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध
  • 3264 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे
  • 1971 में पाकिस्तान की आजादी
  • 3843 शहीद हुए थे। ढाका में 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था
  • 1999 में कारगिल की लड़ाई
  • 522 फौजी शहीद हुए थे। दो महीना चले युद्ध के बाद पाकिस्तान को खदेड़ दिया गया था
पहला विश्व युद्ध (1914-1918)

दूसरा विश्व युद्ध (1939-1945)

  • एक लाख से ज्यादा सैनिक मारे गए थे।
1962 में चीन के साथ युद्ध
  • 3250 भारतीय सैनिक शहीद
शहीद भारतीय सैनिक
  • पहला विश्व युद्ध : 60000
  • दूसरा विश्व युद्ध : 36000
  • जम्मू कश्मीर ऑपरेशन (1947-1948) : 1104
  • श्रीलंका में आईपीकेएफ ऑपरेशन पवन : 1157
  • सियाचीन ग्लेशियर सल्तोरो रिज : 900 से ज्यादा
  • विद्रोहियों के विरुद्ध ऑपरेशन : 8000
  • यूएन शांति मिशन : 140 से ज्यादा

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