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सीबीएसई और केन्द्रीय विद्यालयों में 10वीं तक हिंदी हो सकती है अनिवार्य

संसदीय पैनल की तरफ से दसवीं कक्षा तक हिंदी को अनिवार्य विषय बनाने को लेकर की गई सिफारिश पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी मंज़ूरी दे दी है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Tue, 18 Apr 2017 08:44 PM (IST)Updated: Tue, 18 Apr 2017 09:37 PM (IST)
सीबीएसई और केन्द्रीय विद्यालयों में 10वीं तक हिंदी हो सकती है अनिवार्य
सीबीएसई और केन्द्रीय विद्यालयों में 10वीं तक हिंदी हो सकती है अनिवार्य

नई दिल्ली, प्रेट्र। सीबीएसई से संबंधित स्कूल और केन्द्रीय विद्यालयों में पढ़नेवाले छात्रों को 10वीं तक हिंदी अनिवार्य रूप से पढ़ना पड़ सकता है। संसदीय पैनल की तरफ से दसवीं कक्षा तक हिंदी को अनिवार्य विषय बनाने को लेकर की गई सिफारिश पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी मंज़ूरी दे दी है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी हिंदी को अनिवार्य भाषा बनाए जाने को लेकर निर्देश जारी करते हुए कहा है कि राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस दिशा में एक नीति बनाई जाए।

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राष्ट्रपति के आदेश के मुताबिक, “मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय को पाठ्यक्रम में हिंदी को अनिवार्य विषय बनाने के लिए गंभीरता से प्रयास करना चाहिए। पहले कदम के तौर पर हिंदी को सीबीएसई से संबंधित स्कूल और केन्द्रीय विद्यालयों में दसवीं तक अनिवार्य किया जाना चाहिए।” 

इसमें आगे कहा गया है, “केन्द्र को राज्य सरकारों की सलाह से एक नीति का निर्माण करना चाहिए।” राजभाषा को लेकर संसदीय समिति की तरफ से नौवीं रिपोर्ट में यह सिरफारिश की गई थी।

सीबीएसई ने पिछले साल तीन भाषाई फार्मूले की सिफारिश की थी जिनमें एक अंग्रेजी और अन्य दो भारतीय भाषाओं के लिए कहा गया था जो नौवीं और दसवीं कक्षा में लागू हो। हालांकि, इस सुझाव पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से किसी तरह का कोई फैसला नहीं लिया गया है।

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