हिमाचल के राज्यपाल बोले, अरे... यहां तो शराब की बोतलें भी हैं
शुक्रवार दोपहर सवा 12 बजे का वक्त.. इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल (आईजीएमसी) के मुख्य द्वार पर राजभवन की काली गाड़ी पहुंची। गाड़ी से राज्यपाल आचार्य देवव्रत के उतरते ही स्वागत के लिए कतार में खड़े चिकित्सकों को देख बोले, "मुझे झाडू दीजिए, मैं यहां स्वागत करवाने नहीं सफाई करने
शिमला। शुक्रवार दोपहर सवा 12 बजे का वक्त.. इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल (आईजीएमसी) के मुख्य द्वार पर राजभवन की काली गाड़ी पहुंची।
गाड़ी से राज्यपाल आचार्य देवव्रत के उतरते ही स्वागत के लिए कतार में खड़े चिकित्सकों को देख बोले, "मुझे झाडू दीजिए, मैं यहां स्वागत करवाने नहीं सफाई करने आया हूं....वैसे आप लोगों को कैसे मालूम कैसे पड़ गया कि मैं यहां आने वाला हूं?"
जवाब में कुछ मुस्कराहटें उभरीं जिन्हें नजर अंदाज करते हुए राज्यपाल ने झाडू लगाना शुरू किया ही था कि एक नजर आसपास देखा। पाया कि सफाई व्यवस्था चाक चौबंद है तो बोले, "यहां तो पहले ही सफाई कर दी गई है। मुझे तो वहां ले चलो, जहां पर गंदगी पड़ी हो।"
इसके बाद वह आईजीएमसी मुख्य द्वार से कैंसर क्षेत्रीय अस्पताल की ओर जाने वाली सीढ़ियों की तरफ उतरे और वहां पड़ी गंदगी व शराब की टूटी-फूटी बोतलों को कूड़ेदान में डालते रहे... यह कहते हुए.."अरे! यहां तो शराब की बोतलें भी पड़ी हैं।"
औपचारिक हुए बिना और निर्लिप्त भाव से राज्यपाल तो कूड़ा उठाते रहे लेकिन आईजीएमसी व दंत चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य व अन्य चिकित्सक जेब में हाथ डाले मुस्कराते रहे। चिकित्सकों, नर्सों व अन्य कर्मचारियों ने भी गेट पर झाडू पकड़ने की औपचारिकता ही की।
कचरा उठाने में राज्यपाल का साथ उनके एडीसी संदीप भारद्वाज ने दिया। इस दौरान टूटी-फूटी सीढ़ियों और बैठने की कोई व्यवस्था न देख राज्यपाल नाखुश भी हुए।