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पॉश कॉलोनियों में सक्रिय है हाईटेक महिला अपराधियों का गैंग

पॉश कॉलोनियों में इन दिनों महिलाओं का गैंग सक्रिय है। एक गिरोह में पांच-छह महिलाएं होती हैं। इनके अपराध करने के तरीके से पुलिस भी परेशान है। कभी ये बच्चों के डाइपर में चोरी का सामान छुपाती हैं तो कभी अपने कपड़ों में। हर दुकान पर महिला सिक्योरिटी गार्ड नहीं

By Sudhir JhaEdited By: Published: Mon, 20 Apr 2015 08:42 AM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2015 01:19 PM (IST)
पॉश कॉलोनियों में सक्रिय है हाईटेक महिला अपराधियों का गैंग

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पॉश कॉलोनियों में इन दिनों महिलाओं का गैंग सक्रिय है। एक गिरोह में पांच-छह महिलाएं होती हैं। इनके अपराध करने के तरीके से पुलिस भी परेशान है। कभी ये बच्चों के डाइपर में चोरी का सामान छुपाती हैं तो कभी अपने कपड़ों में। हर दुकान पर महिला सिक्योरिटी गार्ड नहीं होने के कारण इन्हें पकड़ पाना भी आसान नहीं है।

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पिछले दिनों गोविंदपुरी में एक बड़े रेस्टोरेंट चेन में लगे सीसीटीवी फुटेज से चोरी की एक ऐसी ही वारदात का खुलासा हुआ था। वहीं लाजपत नगर में भी पुलिस ने ऐसी महिलाओं को पकड़ा था, जो गोद में लाए बच्चे के डाइपर में चोरी की ज्वेलरी छुपा लेती थीं। दक्षिणी दिल्ली की मार्केटों, मॉल व रिहायशी इलाकों में आजकल महिला चोरों का गिरोह सक्रिय है।

पुलिस का कहना है कि गैंग में पांच से छह महिलाएं होती हैं। इन सबके अलग-अलग काम बंटे होते हैं। कोई महिला रेकी करती है तो कोई काम मांगने के बहाने दुकानों व घरों में जाकर यह पता करते हैं कि मालिक के आने-जाने का समय क्या है। नौकरी मिल गई तो घरों व दुकानों में काम करने के दौरान घर में रखे गहने व तिजोरी की चाबी कहां रखी जाती है आदि जानकारी जुटा लेती हैं।

जानकारी पुख्ता होने के बाद महिलाएं गैंग के अन्य सदस्यों को इसकी सूचना देती हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस काम में उन्हें करीब 15 दिन लगते हैं। इसके बाद ये लोग वारदात की साजिश रचते हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि गैंग की महिलाएं किसी घर पर लगातार तीन से चार दिन तक नजर रखती हैं। इस दौरान अगर घर से कोई बाहर नहीं निकला तो वे गैंग के अन्य सदस्यों को इसकी सूचना देती हैं। फिर उस घर में चोरी की वारदात तो अंजाम देते हैं।

गोविंदपुरी, कोटला मुबारकपुर, मालवीय नगर, हौज खास, ग्रेटर कैलाश और साकेत में इस तरह की वारदातें सामने आई हैं। गोविंदपुरी की आरडब्ल्यूए के सदस्य ने बताया कि एक माह के भीतर ही इस तरह की छोटी-बड़ी कई वारदातें सामने आई हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था जिसमें पांच-छह महिलाएं जैक मशीन से एक दुकान का शटर उठाकर चोरी करने के लिए घुसती हैं। पॉश कॉलोनी में हो रही वारदातों में एनसीआर के शहरों से भी महिलाएं आ रही हैं। कई वारदातों में ऐसे सीसीटीवी फुटेज मिले हैं जिनमें किसी घर या दुकान की रेकी करते हुए महिलाएं पाई गई हैं। पुलिस ऐसे लोगों की तलाश कर रही है।

हाईटेक है गैंग

पुलिस सूत्रों ने बताया कि पॉश कॉलोनी में चोरी करने वाला महिला गैंग हाईटेक भी है। इनके पास महंगे मोबाइल भी हैं। इससे गैंग की महिलाएं एक-दूसरे के संपर्क में रहती हैं। विभिन्न वारदातों से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज में इनकी हरकतों को देखकर पता चला है कि इनके गैंग में सभी के पास मोबाइल, ताला काटने की अत्याधुनिक आरी आदि होती है।

पढ़ेंः महिलाओं को घूरना अपराध, देखना सौंदर्य का सम्मान


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