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उच्च पदों पर कार्यरत महिलाएं कर रहीं पुरुषों का शोषण

देश तथा प्रदेश में पुरुष आयोग के गठन के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर का मानना है कि उच्च पदों पर कार्यरत महिला अधिकारी पुरुषों का शोषण कर रही हैं। सिविल डिफेंस में आइजी के पद पर कार्यरत अमिताभ ठाकुर ने बताया कि पुरुष आयोग गठन की मांग पर उन्हें मथुरा और विदेशों से भी समर्थन मिल रहा है।

By Edited By: Published: Fri, 19 Sep 2014 10:58 AM (IST)Updated: Fri, 19 Sep 2014 10:58 AM (IST)
उच्च पदों पर कार्यरत महिलाएं कर रहीं पुरुषों का शोषण

लखनऊ। देश तथा प्रदेश में पुरुष आयोग के गठन के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर का मानना है कि उच्च पदों पर कार्यरत महिला अधिकारी पुरुषों का शोषण कर रही हैं। सिविल डिफेंस में आइजी के पद पर कार्यरत अमिताभ ठाकुर ने बताया कि पुरुष आयोग गठन की मांग पर उन्हें मथुरा और विदेशों से भी समर्थन मिल रहा है।

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इन दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दौरे पर चल रहे अमिताभ ठाकुर ने मथुरा में बताया कि एक महिला अधिकारी से पीड़ित होकर उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुरुष आयोग के गठन के लिए याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि पहले के समय में धारणा थी कि पुरुष ही महिलाओं का शोषण किया करते हैं। मगर आज के दौर में महिलाएं भी सशक्त हो चुकी हैं। कई स्थानों पर तो महिलाएं पुरुष से अधिक पावर में हैं। ऐसी महिलाएं पुरुषों का शोषण कर रही हैं।

ठाकुर ने बताया कि उनके याचिका दायर करने के बाद बहरीन से लेकर मुंबई और मथुरा से भी समर्थन के फोन गए हैं। मामले में कोर्ट ने उनसे शपथ पत्र मांगा है। ठाकुर ने चुटकी लेते हुए कहा कि मथुरा में भी तो महिला शक्ति का ही राज है। यहां पर भी डीएम, एसपी, सीडीओ व सांसद महिलाएं ही हैं।

सिविल डिफेंस से निकाले जाएंगे भू माफिया

सहारनपुर में अमिताभ ठाकुर ने कहा कि सिविल डिफेंस की आड़ में अपने स्वार्थ को पूरा कर रहे राजनेताओं व भू-माफिया को सिविल डिफेंस से बाहर किया जाएगा। सिविल डिफेंस से जुड़े निष्क्रिय लोगों की भी जांच करा बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। सिविल डिफेंस के संयुक्त निदेशक व पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ ठाकुर ने बताया कि उनका सहारनपुर आने का मुख्य उद्देश्य जिले में सिविल डिफेंस से जुड़े लोगों की समस्याओं का जानना और उनका निराकरण कराना है। उन्होंने बताया कि कुछ राजनेता और भू-माफिया नागरिक सुरक्षा की आड़ में अपने निजी स्वार्थ को पूरा कर रहे हैं। इससे नागरिक सुरक्षा कोर की छवि समाज में खराब हो रही है। ऐसे स्वार्थी लोगों की जांच करा उन्हें नागरिक सुरक्षा कोर से बाहर किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में नागरिक सुरक्षा कोर से जुड़े स्वयं सेवकों को उनकी सेवा के लिए सरकार की ओर से 31 रुपये मानदेय दिया जाता है, जिसको बढ़ाकर 350 रुपये प्रति ड्यूटी करने की संस्तुति की गई है। स्वयंसेवकों को सरकार की ओर से कई अन्य सुविधाएं भी दिये जाने पर विचार किया जा रहा है।

अमिताभ ठाकुर ने बताया कि पहले नागरिक सुरक्षा के स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग के लिए लखनऊ जाना होता था, लेकिन अब हर जिले में एक ट्रेनर को भेजा जाएगा जो जिले के स्वयंसेवकों को आपदा प्रबंधन, सांप्रदायिक हिंसा का रोकने आदि की ट्रेनिंग देगा। युवा को सोशल साइट्स के माध्यम से नागरिक सुरक्षा कोर से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सुरक्षा कोर ने फेसबुक व ट्वीटर पर एकाउंट बनाया गया है।

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