डेरे में साधुओं को नपुंसक बनाए जाने की जांच में देरी पर सीबीआइ को फटकार
डेरा सच्चा सौदा में साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के मामले में सीबीआइ द्वारा जांच में की जा रही देरी पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सीबीआइ को कड़ी फटकार लगाई।
वेब डेस्क, चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा में साधुओं को ईश्वर से मिलाने के नाम पर उनके अंडकोष काट नपुंसक बनाए जाने के मामले में जांच कर रही सीबीआइ को हाई कोर्ट ने फटकार लगाई। बैंच ने कहा कि सीबीआइ को इस मामले की जांच करते हुए कई साल से हो गए हैैं, लेकिन अभी तक इस मामले की जांच पूर्ण नहीं हुई। सीबीआइ ने कोर्ट को 7वीं सील बंद स्टेटस रिपोर्ट दी। कोर्ट ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर रखते हुए सुनवाई स्थगित कर दी। बैंच ने अगली सुनवाई पर फाइनल रिपोर्ट देने का सीबीआइ को आदेश दिया।
ज्ञात रहे कि इस मामले में हंसराज चौहान की याचिका पर सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच द्वारा डेरा सच्चा सौदा के 400 साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में सीबीआइ जांच के आदेश जारी किए थे। इन आदेशों के बाद चौहान ने याचिका दाखिल कर इस जांच पर निगरानी की अपील की थी। इसी के तहत हाई कोर्ट ने सीबीआइ जांच की स्टेटस रिपोर्ट तलब की थी। यह मामला हाई कोर्ट की डिविजन बेंच में भी विचाराधीन है। जहां पर डेरा प्रमुख ने सीबीआइ जांच को चुनौती दी हुई है।
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हंसराज चौहान ने याचिका में कहा था उनके और अन्य 400 साधुओं को ईश्वर से मिलाने के नाम पर नपुंसक बना दिया गया। इसके बाद उनके शरीर में हार्मोनल बदलाव हो रहे हैं। हाई कोर्ट ने याची का मेडिकल चंडीगढ़ में करवाया था जिसमें उसको नपुंसक पाया गया था। इसके बाद हंसराज ने 7 अन्य लोगों के नाम दिए जो मेडिकल जांच में नपुंसक पाए गए थे। इन लोगों ने कहा कि वे अपनी इच्छा से नपुंसक बने हैं। याचिका में कहा, साधुओं को ईश्वर से मिलाने के नाम पर बनाया गया था नपुंसक।
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