प्रेग्नेंट होने पर नियुक्ति रद करने का सेना का अादेश खारिज
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सेना द्वारा मेडिकल आफिसर के पद का नियुक्ति पत्र देने के बाद अयोग्य करार देने के निर्णय काे खारिज कर दिया। उसे गभर्वती होने के कारण अयोग्य करार दिया गया था।
जागरण सवांददाता चंडीगढ़। सेना की भर्ती में प्रेग्नेंट (गर्भवती) हाेने के कारण अयोग्य करार देकर नियुक्ति रद कर देने के निर्णय को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। सेना ने मेडिकल ऑफिसर के 200 पदों के लिए जा रही भर्ती में पठानकोट की नीतू बाला प्रेग्नेंट होने के कारण अयोग्य करार दिया था।
हाई कोर्ट ने कहा कि भर्ती प्रोसेस के दौरान नीतू को फिट घोषित किया गया था और ज्वानिंग से ठीक पहले उनकी प्रेग्नेंसी को उनको अयोग्य करार देने का कारण नहीं माना जा सकता है। अयोग्य करार दिए जाने के बाद नीतू ने हाई काेर्ट में याचिका दायशर की थी।
याचिका में नीतू ने कहा था कि भारतीय सेना ने मेडिकल ऑफिसर की 200 पदाें के लिए आवेदन मांगे थे। इन पदों को कैप्टन केडर के बराबर रखा गया था। उसने इस पद के लिए आवेदन किया था और आवेदन के बाद उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इंटरव्यू में चुने जाने के बाद उन्हें उनका मेडिकल टेस्ट हुआ मेडिकल टेस्ट में उन्हें फिट पाया गया। इसके बाद उन्हें नियुक्ति पत्र दे दिया गया।
इसके बाद नीतू को कमांड हॉस्पिटल में ज्वाइन करना था। वह जब वहां जॉइनिंग के लिए पहुंचीं तो उन्हें बताया गया कि वह प्रेग्नेंट है और नियमों में कहीं पर भी यह स्पष्ट नहीं है कि इस स्थिति को मेडिकल फिट माना जाए या नहीं। इसके साथ ही उन्हें बताया गया कि इस मामले पर उच्च अधिकारी फैसला करेंगे।
आखिरकार, उच्चाधिकारियों ने फैसला किया कि नीतू तो सर्विस में बनाए नहीं रखा जा सकता क्योंकि इस स्थिति को मेडिकल तौर पर फिट नहीं माना जा सकता। इसके बाद उन्हाेंने अधिकारियों के फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में अपील की। हाई कोर्ट ने मामले में नीतू की याचिका को मंजूर करते हुए सेना को आदेश दिए कि नीतू को जिस पद पर नियुक्ति दी गई है उसे उस पर ज्वानिंग दी जाए। उसके ज्वाइन करने तक इस पद को रिक्त रखा जाए।