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साहब! 500 दे दिए, अब तो मान जाओ

कॉलर : साहब जी. बल्केश्वर से बोल रिया हूं। अब तो पांच सौ भी दे दिए। अब क्यूं नई मेरा काम कर रए हो। बेटी की शादी करनी है। रुपया दिला दो, मेहरबानी होगी। बोहत चक्कर लग गए, अब तो मान जाओ।

By Edited By: Published: Tue, 29 Oct 2013 01:40 PM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2013 01:54 PM (IST)
साहब! 500 दे दिए, अब तो मान जाओ

जागरण संवाददाता, आगरा। कॉलर : साहब जी. बल्केश्वर से बोल रिया हूं। अब तो पांच सौ भी दे दिए। अब क्यूं नई मेरा काम कर रए हो। बेटी की शादी करनी है। रुपया दिला दो, मेहरबानी होगी। बोहत चक्कर लग गए, अब तो मान जाओ।

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पांच हजार रुपये घूस लेते ग्राम पंचायत अधिकारी गिरफ्तार

रिसीवर (दूसरी ओर से आने वाली कर्मचारी की आवाज): पांच सौ और दो, फिर करना बात, नहीं दिए तो फॉर्म खत्म समझो।

कॉलर: नहीं साहब, ऐसा मत करियो, दे दूंगा रुपया।

मोबाइल फोन पर हो रही यह बातचीत किसी आम आदमी की नहीं है। पीड़ित बनकर बेटी की शादी के लिए अनुदान की मांग करने वाले शख्स हैं सीडीओ कैप्टन प्रभांशु श्रीवास्तव और अनुदान के लिए रिश्वत मांगने वाला है जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग कार्यालय का चपरासी किशन सिंह।

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आखिर ऐसा क्या हुआ, जो सीडीओ को लड़की का बाप बनकर अपने कर्मचारी का स्टिंग करना पड़ा? हुआ यूं कि, सीडीओ अपने कार्यालय में बैठे शिकायत सुन रहे थे। इसी दौरान बल्केश्वर कॉलोनी निवासी मेहंदी हसन उनके पास पहुंचे। रोते हुए बताया कि पांच सौ रुपया दे दिया, फिर भी कर्मचारी बेटी की शादी को मिलने वाला शादी अनुदान योजना का दस हजार रुपये का फॉर्म अटकाए बैठा है। पांच सौ रुपये और न देने पर वह फॉर्म रिजेक्ट करने की धमकी दे रहा है।

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सीडीओ ने मेहंदी हसन को रिश्वत देने पर खूब हड़काया। इसी दौरान कैलाश चंद वहां पहुंचे और उन्होंने बताया कि रुपया न देने पर किशन सिंह ने उनका फॉर्म रोक रखा है। घर जाकर व फोन कर एक हजार रुपया मांग रहा है। पांच मिनट में दूसरी शिकायत आने पर सीडीओ का पारा चढ़ गया। दोनों ने सीडीओ को किशन सिंह का मोबाइल नंबर दिया।

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सीडीओ ने तत्काल किशन सिंह का मोबाइल मिलाकर उससे मेहंदी हसन बनकर बातचीत शुरू कर दी। बेखौफ किशन सिंह शादी अनुदान योजना का फॉर्म पास करने की एवज में रिश्वत की मांग करने लगा। उन्होंने तत्काल जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का कार्य देख रहे जिला अल्पसंख्यक अधिकारी अमित कुमार को अपने कार्यालय में बुलाया और पूरा किस्सा सुनाया। किशन सिंह को पांच मिनट में अपने सामने पेश करने का आदेश दिया। उधर, जैसे ही किशन सिंह को पता चला कि अनुदान की एवज में रिश्वत देने की बात करने वाले सीडीओ थे, उसकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। वह कार्यालय से नौ दो ग्यारह हो गया। देर शाम तक सीडीओ के सामने पेश नहीं हुआ। सीडीओ ने जिला अल्पसंख्यक अधिकारी को जांच कर तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

जिला अल्पसंख्यक अधिकारी अमित कुमार ने बताया कि वह जांच कर रहे हैं कि किशन सिंह को किसने जांच के लिए फॉर्म दिए और वह कैसे जांच कर आवेदकों से रुपया मांग रहा है, जबकि वह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। रिपोर्ट मिलने के बाद किशन सिंह के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

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