राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग पर कल होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल ये तय करेगा कि जस्टिस खेहर की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी या नहीं।आज मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने सवाल उठाते हुए कहा कि जस्टिस जगदीश सिंह खेहर इस मामले
नई दिल्ली। राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल ये तय करेगा कि जस्टिस खेहर की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी या नहीं।
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आज मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने सवाल उठाते हुए कहा कि जस्टिस जगदीश सिंह खेहर इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकते क्योंकि वो जजों की नियुक्ति करने वाली कोलेजिअम का हिस्सा रहे हैं। साथ ही ये भी कहा की आने वाले समय में वो मुख्य न्यायाधीश बनेंगे इसलिए उनको इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लेना चाहिए।
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गौरतलब है कि लोकसभा ने बीते साल 13 अगस्त को राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक, 2014 और तत्संबंधी संविधान (121वां संशोधन) विधेयक, 2014 पारित किया था। राज्यसभा में यह अगले दिन यानी 14 अगस्त को पारित हुआ। संसद में मंजूरी मिलने के बाद, राष्ट्रपति ने इस पर अपनी संस्तुति प्रदान की थी। इससे पहले देश के 29 में से 16 राज्य विधानमंडलों ने न्यायाधीशों द्वारा न्यायाधीशों को नियुक्त करने वाली कोलेजियम प्रणाली समाप्त करने वाले 124वें संविधान संशोधन विधेयक, 2014 को मंजूरी दे दी थी। किसी भी संविधान संशोधन बिल के लिए कम से कम आधे राज्यों की रजामंदी जरूरी होती है।
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इसके बिना यह प्रक्रिया पूरी नहीं मानी जाती। न्यायिक नियुक्ति आयोग के गठन के बाद उम्मीद है कि ऊपरी अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया में ज्यादा पारदर्शिता और तेजी आएगी। एक अनुमान के मुताबिक कोलेजियम में होने वाले मतभेदों के चलते फिलवक्त देश भर के उच्च न्यायालयों में 200 से ज्यादा न्यायाधीशों के पद खाली हैं। जाहिर है इन पर नई नियुक्ति न होने की वजह से ही अदालतें अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर पा रही हैं।
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