सड़कों पर साइकिल दौड़ाने को सरकार हुई गंभीर
साइकिल को अधिक से अधिक लोगों की पहुंच में लाने के लिए सरकार इस पर कर छूट देने सहित कई उपायों पर विचार कर रही है। बुधवार को पर्यावरण शोध के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित संस्थान 'टेरी' की रिपोर्ट में सुझाए गए इन प्रस्तावों पर सरकार ने सकारात्मक रवैया दिखाया है। वित्त मंत्रालय साइकिल को बढ़ावा देने के लिए नए सिरे से प्रस्ताव तैयार करने वाला है।
नई दिल्ली। साइकिल को अधिक से अधिक लोगों की पहुंच में लाने के लिए सरकार इस पर कर छूट देने सहित कई उपायों पर विचार कर रही है। बुधवार को पर्यावरण शोध के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित संस्थान 'टेरी' की रिपोर्ट में सुझाए गए इन प्रस्तावों पर सरकार ने सकारात्मक रवैया दिखाया है। वित्त मंत्रालय साइकिल को बढ़ावा देने के लिए नए सिरे से प्रस्ताव तैयार करने वाला है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को साइकिल को बढ़ावा देने की जरूरत पर 'टेरी' की ओर से तैयार रिपोर्ट जारी करते हुए इसे लोगों की आर्थिक बेहतरी ही नहीं स्वास्थ्य के लिहाज से भी उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मधुमेह से लेकर उच्च रक्तचाप जैसे रोगों में बढ़ोतरी हो रही है उन पर काबू पाने में साइकिल बहुत मददगार हो सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस रिपोर्ट में बताए गए सुझावों को बहुत गंभीरता से लेगी।
इस मौके पर मौजूद वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी कहा कि साइकिल को बढ़ावा देने के लिए नए सिरे से प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच हजार रुपये से कम की साइकिल को कर छूट देकर निम्न और मध्य वर्ग में इसके उपयोग को बढ़ाया जा सकता है। इसी तरह साइकिल के लिए कर्ज उपलब्ध कराने को भी जरूरी बताया गया है। इस समय महंगी कार से लेकर मोटरसाइकिलों तक पर सभी बैंक लोन उपलब्ध कराते हैं, मगर कम आय वर्ग के किसी व्यक्ति को साइकिल के लिए कर्ज नहीं मिल पाता जबकि उसके लिए साइकिल रोजी-रोटी का अहम साधन बन सकती है।
वर्ष 2011 के आंकड़ों के मुताबिक देश के सिर्फ 45 फीसदी यानी 11 करोड़ घरों में ही साइकिल है। दस साल में इसमें सिर्फ एक फीसदी का इजाफा हो सका है। वर्ष 2001 में साइकिल भारत के 44 फीसदी घरों में थी। भारत के गांवों में जहां लगभग 50 फीसदी घरों में साइकिल है, चीन के गांवों में लगभग हर घर में साइकिल हैं।