दार्जिंलिंग: बढ़ते तनाव के बीच प्रदर्शनकारियों ने स्वास्थ्य केंद्र में लगाई आग
दार्जिलिंग में गोरखालैंड की मांग को लेकर बढ़ते तनाव के बीच कल रात शरारतियों ने एक स्वास्थ्य केंद्र में आग लगा दी।
दार्जिलिंग (एएनआई)। दार्जिलिंग में बढ़ते तनाव के बीच, कुछ शरारतियों ने लोधामा के एक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र और राइबिक में एक पनबिजली परियोजना में आग लगा दी। इसके बाद पुलिस ने कल जीजेएम के प्रमुख बिमल गुरुंग के कार्यालय पर छापा मारा और हथियार, तीर और नकद बरामद किया। गुरुंग ने पहले कहा था कि पुलिस अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के (टीएमसी) केडर की तरह काम कर रही है, और अगर देश के सभी सीआरपीएफ जवान भी भेजे जाते हैं, तो भी हमारी लड़ाई बंद नहीं होगी।"
इससे पहले, जीजेएम और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित छह दलों ने अलग गोरखालैंड राज्य के लिए एक प्रस्ताव दिया था। जिसमें तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भाग नहीं लिया। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने दार्ज़िलिंग में स्थिति की निगरानी की है।
जीजेएम द्वारा दार्जिलिंग में चल रहे विरोध प्रदर्शन के लिए भाजपा ने राज्य सरकार जिम्मेदार ठहराया। भाजपा का कहना है कि राज्य सरकार ने इस समुदाय को हमेशा उपेक्षित रखा। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रकुमार बोस ने कहा, "गोरखा भारत से संबंध रखते हैं, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें इतनी हद तक विचलित कर दिया है कि उनके लिए पहचान का संकट खड़ा हो गया है जिसके बाद ये हिंसा उत्पन्न हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार केवल कुछ धन उपलब्ध कराके और गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन का गठन करके इस मुद्दे को हल नहीं कर सकती है।
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीजेएम विरोधियों को घृणित बताया और इस क्षेत्र के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। जीजेएम समर्थक, पहाड़ी स्कूलों में बंगाली की कथित हस्तक्षेप के खिलाफ भी विरोध कर रहे हैं।
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