एक दिन में बरी 82 नाबालिगों की सुनवाई करेगा बांबे हाई कोर्ट
पुणे के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) द्वारा किशोर अपराध से जुड़े 82 मुकदमों को एक दिन में निपटाने के मामले को बांबे हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी मुकदमों की बारी-बारी दोबारा सुनवाई का फैसला किया है। पिछले साल 16 सितंबर को जेजेबी ने 82 किशोरों के मां-बाप के बयान के आधार पर सभी मुकदमों का एक दिन में निपटारा कर दिया था।
मुंबई। पुणे के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) द्वारा किशोर अपराध से जुड़े 82 मुकदमों को एक दिन में निपटाने के मामले को बांबे हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी मुकदमों की बारी-बारी दोबारा सुनवाई का फैसला किया है। पिछले साल 16 सितंबर को जेजेबी ने 82 किशोरों के मां-बाप के बयान के आधार पर सभी मुकदमों का एक दिन में निपटारा कर दिया था।
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जस्टिस एस ओक और जस्टिस जीएस पटेल की पीठ ने पुणे की जेजेबी को फटकार लगाते हुए कहा कि इस तरह का रवैया सहन नहीं किया जा सकता। अगर हम इस तरह के आदेश जारी करते हैं, तो हम अपने कर्तव्य को ठीक ढंग से नहीं निभा रहे। पीठ ने कहा, 'सभी मामलों की दोबारा सुनवाई होगी और परिवीक्षा पर छोड़े गए किशोरों को ही नोटिस जारी किया जाएगा। साथ ही महाराष्ट्र सरकार को भी नोटिस जारी किया जाएगा।' पीठ ने सभी रिकार्ड तलब कर मामले की सुनवाई तीन महीने के लिए स्थगित कर दी।
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