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आशुतोष महाराज के अंतिम संस्कार पर रोक

आशुतोष महाराज के अंतिम संस्कार के मामले में हाईकोर्ट के दो जजों की बेंच ने पहले एकल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी है। एकल बेंच ने अपने फैसले में पंजाब सरकार को निर्देश दिया था कि वह 15 दिसंबर तक आशुतोष महाराज का अंतिम सरकार कर अदालत को

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Tue, 16 Dec 2014 08:35 AM (IST)Updated: Tue, 16 Dec 2014 08:45 AM (IST)
आशुतोष महाराज के अंतिम संस्कार पर रोक

चंडीगढ़ [जासं]। आशुतोष महाराज के अंतिम संस्कार के मामले में हाईकोर्ट के दो जजों की बेंच ने पहले एकल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी है। एकल बेंच ने अपने फैसले में पंजाब सरकार को निर्देश दिया था कि वह 15 दिसंबर तक आशुतोष महाराज का अंतिम सरकार कर अदालत को सूचित करे।

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अदालत के इस फैसले के खिलाफ दो जजों की खंडपीठ में अपील दायर की गई थी, जिसमें पंजाब सरकार, दिव्य ज्योति जागृत संस्थान और स्वयं को आशुतोष महाराज के बेटा बताने वाले दिलीप झा तीनों पार्टी हैं।

इस अपील पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के नवनियुक्त कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एसजे वजीफडार व जस्टिस एजी मसीह ने एकल बेंच के फैसले पर रोक लगा दिया और अगली सुनवाई 9 फरवरी को करने का आदेश जारी किया।

जस्टिस वजीफडार ने माना कि सभी पक्ष एकल बेंच के फैसले के दाह संस्कार के आदेश पर रोक की मांग कर रहे हैं, इसलिए वे सभी पक्षों को सुनने के बाद ही इस पर कोई फैसला देंगे। तब तक अदालत एकल बेंच के आदेश पर रोक लगाती है।

मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने एकल बेंच के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह जनहित का मामला नहीं था। इस विषय पर दायर एक जनहित याचिका को हाईकोर्ट खारिज कर चुका है, ऐसे में एक अन्य मामले में राज्य को दाह संस्कार के लिए कहना उचित नहीं है।

अपनी अपील में सरकार ने साफ कर दिया है कि उसके लिए राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखना ही सबसे अहम जिम्मेदारी है। सरकार ने मामले को धार्मिक आस्था का मामला बताते हुए महाराज के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी संस्थान को ही दिए जाने की मांग की है।

बता दें, महाराज को 29 जनवरी को डॉक्टरों ने क्लीनिकली डेड घोषित कर दिया था, जबकि संस्थान का दावा है कि वह महासमाधि में हैं। संस्थान ने एकल जज के आदेशों के खिलाफ दायर अपील में कहा है कि महाराज मृत हैं या समाधि में हैं इसका निर्णय कोर्ट नहीं कर सकती हैं।

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