मोदी सरकार लागू करे अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना
अहमदाबाद [जागरण संवाददाता]। गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में प्रदेश की नरेंद्र मोदी सरकार के दावे को खारिज कर दिया। सरकार ने दावा किया था कि अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए केंद्र की मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति योजना भेदभाव वाली है लेकिन अदालत ने इस योजना को लागू करने का निर्देश दिया।
अहमदाबाद [जागरण संवाददाता]। गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में प्रदेश की नरेंद्र मोदी सरकार के दावे को खारिज कर दिया। सरकार ने दावा किया था कि अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए केंद्र की मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति योजना भेदभाव वाली है लेकिन अदालत ने इस योजना को लागू करने का निर्देश दिया।
पांच न्यायाधीशों की पीठ के तीन न्यायाधीशों ने इस योजना को सही ठहराते हुए इसे संवैधानिक रूप से सही बताया। साथ ही कहा कि इसकी तुलना किसी तरह के आरक्षण से नहीं की जा सकती, यह संविधान के अनुच्छेद 15 (1) का उल्लंघन नहीं करता। इस अनुच्छेद में कहा गया है कि राज्य किसी नागरिक के साथ केवल धर्म, जाति, नस्ल, जन्म स्थान, लिंग या इनमें से किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता। पीठ के दो न्यायाधीशों ने इस फैसले के खिलाफ अपने विचार व्यक्त किए। फैसले के घोषणा इस योजना को लागू करने के लिए दायर कई लोकहित याचिकाओं की एक साथ सुनवाई के बाद शुक्रवार को की गई। केंद्र सरकार ने मुसलमानों सहित पांच अल्पसंख्यक समुदायों के वैसे छात्रों के लिए यह छात्रवृत्ति योजना शुरू की है जिनके माता-पिता की वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है। वर्ष 2008 से लागू केंद्र की इस छात्रवृत्ति योजना को गुजरात सरकार ने अब तक नहीं लागू किया है। इसके तहत करीब छह लाख बच्चों को प्रतिमाह पांच सौ से एक हजार रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती है। गुजरात सरकार को इस योजना के तहत करीब 52 हजार छात्र-छात्राओं को पैसे देने हैं। केंद्र इस योजना में 75 फीसद अनुदान देता है जबकि राज्य को 25 फीसद देनी होती है। गुजरात को इस पर प्रति वर्ष चार करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर