Move to Jagran APP

गुर्जर आंदोलनः हाई कोर्ट सख्त, रेल पटरी खाली कराने के आदेश

राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर पिछले सात दिनों से आंदोलन कर रहे गुर्जरों पर सख्त रुख दिखाया है। अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि 24 घंटे के भीतर प्रदर्शकारियों को दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक और जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग से हटाकर यातायात बहाल किया

By Sachin kEdited By: Published: Wed, 27 May 2015 01:25 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2015 06:13 AM (IST)
गुर्जर आंदोलनः हाई कोर्ट सख्त, रेल पटरी खाली कराने के आदेश

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर पिछले सात दिनों से आंदोलन कर रहे गुर्जरों पर सख्त रुख दिखाया है। अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि 24 घंटे के भीतर प्रदर्शकारियों को दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक और जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग से हटाकर यातायात बहाल किया जाए। राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी से कहा कि वे गुरुवार को अदालत में उपस्थित होकर इस संबंध में अपनी रिपोर्ट पेश करें।

loksabha election banner

हाई कोर्ट ने राजस्थान सरकार से पूछा कि आंदोलनकारियों को इतनी छूट क्यों दी जा रही है। रेलवे डीआरएम, कोटा को कहा कि वे भी अदालत में आकर बताएं कि आंदोलन के दौरान कितनी ट्रेनें रद की, कितनों का रूट बदला और इससे रेलवे को कितनी हानि हुई। न्यायाधीश आरएस राठौड़ ने ये अंतरिम आदेश गुर्जर नेताओं के खिलाफ अवमानना मामले में राज्य सरकार की याचिका पर दिया। सरकार ने अवमानना याचिका में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला सहित 12 गुर्जर नेताओं को पक्षकार बनाया है।

सरकार-गुर्जर वार्ता विफल
इस बीच, आंदोलन कर रहे गुर्जर नेताओं और राजस्थान सरकार के बीच दो दौर की वार्ता बुधवार शाम विफल हो गई। मंगलवार रात से शुरू हुई बातचीत के बाद यह लगने लगा था कि गुर्जर नेता सरकार के प्रस्ताव पर कुछ हद तक सहमत हैं और गुरुवार को आंदोलन समाप्त हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वार्ता टूटने के बाद गुर्जर नेता वापस रेल पटरी पर पहुंच गए।

सरकार ने असमर्थता जताई
मंत्रियों की कमेटी एवं अधिकारियों के साथ हुई बातचीत में गुर्जर नेताओं ने मौजूदा 50 फीसद आरक्षण व्यवस्था के तहत ही आरक्षण की मांग की। सरकारी प्रतिनिधियों ने असमर्थता जताते हुए कहा कि मौजूदा आरक्षण में कटौती पर सामाजिक समरसता समाप्त हो सकती है, अन्य समाज आंदोलन करेंगे। सरकार की ओर गुर्जर नेताओं को समझौते का एक प्रस्ताव भी दिया गया।

हमें जनता से क्या : हिम्मत सिंह
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिम्मत सिंह ने कहा कि रेल पटरी खाली कराने के आदेश के बारे में हाई कोर्ट और सरकार जाने। हमें इससे कोई लेना-देना नहीं। हमें आम जनता से क्या मतलब। हम कोई पिकनिक मनाने तो पटरी पर बैठे नहीं हैं।

सरकार ने तय की रणनीति
हाई कोर्ट के आदेश के बाद वसुंधरा राजे सरकार ने दिनभर गुर्जर नेताओं के साथ वार्ता तो जारी रखी लेकिन इन्हें रेल पटरी और राजमार्ग से हटाने की रणनीति भी तय की। केंद्र से आई पैरामिलिट्री फोर्स की 20 कंपनियों को गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में तैनात करने के साथ ही हेलीकॉप्टर भी तैनात किया गया है।

पढ़ेंः गुर्जर आंदोलन से रेलवे और यात्री हलकान

हिंसक हुआ गुर्जर आंदोलन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.