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हर समुदाय के लिए हो दो बच्चों का नियम : विहिप

हिंदू महिलाओं को चार बच्चे पैदा करने चाहिए वाले बयान के समर्थन में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सोमवार को कहा है कि देश में जनसांख्यिकी असंतुलन बन रहा है। संगठन का कहना है कि देश में सभी समुदायों के लिए दो बच्चे पैदा करने का नियम बने या प्रत्येक

By Sachin kEdited By: Published: Tue, 20 Jan 2015 01:36 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jan 2015 08:06 AM (IST)
हर समुदाय के लिए हो दो बच्चों का नियम : विहिप

नई दिल्ली। हिंदू महिलाओं को चार बच्चे पैदा करने चाहिए वाले बयान के समर्थन में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सोमवार को कहा है कि देश में जनसांख्यिकी असंतुलन बन रहा है। संगठन का कहना है कि देश में सभी समुदायों के लिए दो बच्चे पैदा करने का नियम बने या प्रत्येक हिंदू परिवार में तीन से चार बच्चों को जन्म होना चाहिए। संगठन ने देश में यूनिफार्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) लागू करने की मांग की।

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विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने यहां कहा कि मैं हिंदुओं के दस बच्चे पैदा करने पर सहमत नहीं हूं, लेकिन प्रत्येक हिंदू परिवार में तीन-चार बच्चे होने चाहिए... अन्यथा सभी समुदायों के लिए दो बच्चों का समान मानक बने।

उनके अनुसार, देश में एकतरफा या एकांगी नीतियों का क्रियान्वयन नहीं होना चाहिए... यह एक चिरकालिक मांग है कि देश में समान नागरिक संहिता लागू की जाए।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के करीबी माने जाने वाले स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के हिंदू चार-चार नहीं दस बच्चे पैदा करें वाले बयान पर जैन ने कहा कि देश में बने जनसांख्यिकी असंतुलन के मद्देनजर ऐसा बयान दिया गया है।

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