सद्भाव की मिसाल: हिंदू- मुस्लिम परिवार देश के लिए कर रहे पूजा और नमाज
भोपाल में एक हिंदू मां पूजा की थाली सजाने में जुटी है वहीं इंदौर में एक मुस्लिम मां दुआओं में हाथ उठाए हुए हैं।
इंदौर/भोपाल [ललित कटारिया]। भोपाल में एक हिंदू मां पूजा की थाली सजाने में जुटी है वहीं इंदौर में एक मुस्लिम मां दुआओं में हाथ उठाए हुए हैं। दोनों मां चाहती हैं कि बांग्लादेश में रविवार को होने वाले अंडर-19 विश्व कप फाइनल में भारत खिताब जीते। इन परिवारों को इससे कोई फर्क नहीं की उन्हीं के मध्यप्रदेश में हिंदू और मुस्लिम समाज के बीच धार की भोजशाला में पूजा करने को लेकर खींचतान मची थीं।
फाइनल में इंदौर के आवेश खान और भोपाल के राहुल बॉथम शामिल हैं एक जैसी पृष्ठभूमि के इन दोनों तेज गेंदबाजों ने अपने जोरदार प्रदर्शन से टीम को फाइनल तक पहुंचाया है, उम्मीद है ये देशवासियों को विश्व चैंपियन बनकर जश्न मनाने का मौका देंगे।
राहुल के लिए मां रखेंगी उपवास, करेंगी पूजा
अपने प्रदर्शन से सभी का ध्यान आकर्षित करने वाले राहुल भोपाल की रोशनपुरा बस्ती के रहने वाले हैं। राहुल के पिता राजेन्द्र ने कहा कि बेटा फाइनल में भी अच्छा प्रदर्शन करे ऐसी प्रार्थना कर रहे है। राहुल की मां मीना ने कहा कि राहुल सहित टीम के सभी बच्चे फाइनल में जोरदार प्रदर्शन कर देश को विश्व चैंपियन बनाएं, इसलिए मैं उपवास करूंगी और मंदिर में पूजा अर्चना करूंगी। हमें पूरी भरोसा है कि भारत विश्व कप जीतेगा। वैसे भी राहुल की हर सफलता पर उनकी बस्ती वाले धूमधाम से जश्न मनाते है, मिठाई बांटी जाती है और ढोल-बाजों से पूरी बस्ती खिल उठती है। 14 फरवरी को भारत की जीत पर भी ऐसा ही जश्न मनाने की तैयारी की जा रही है।
आवेश का पूरा परिवार रोज कर रहा दुआएं
आवेश का परिवार भी दिन-रात जीत की दुआएं कर रहा है। पिता आशिक और मां साबिया ने बताया कि हम तो रोज दुआएं कर रहे हैं। यह सिलसिला टीम के क्वार्टर फाइनल में पहुंचते ही शुरु हो गया था। हमने भी मन्नात मांगी है, लेकिन अभी जाहिर नहीं करना चाहते कि यदि टीम जीती तो हम क्या करेंगे। सभी की यही तमन्नाा है कि देश जीते। आस्था में हिंदू और मुस्लिम नहीं होते, आवेश और राहुल दोनों अच्छा करें तो ज्यादा खुशी होगी। दोनों अच्छे दोस्त हैं। आवेश पिछला विश्व कप भी खेला था, लेकिन इस बार हम खिताब के ज्यादा करीब हैं तो रोमांच ज्यादा है। बच्चों से ज्यादा फाइनल को लेकर हम तनाव में हैं, बस कैसे भी टीम खिताब जीत जाए तो हमारी खुशी का ठिकाना नहीं होगा।
[साभार- नई दुनिया]