अपने विरोधी नेता से भी हार्दिक की मिलीभगत
राजद्रोह के आरोप में जेल में बंद पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की अपने विरोधी ओबीसी नेता अल्पेश से मिलीभगत का खुलासा हुआ है। इतना ही नहीं आरक्षण आंदोलन के दौरान वह राज्य के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों शंकर सिंह वाघेला, केशुभाई पटेल, सुरेश मेहता और दिलीप पारिख के सतत संपर्क में
जागरण संवाददाता, अहमदाबाद। राजद्रोह के आरोप में जेल में बंद पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की अपने विरोधी ओबीसी नेता अल्पेश से मिलीभगत का खुलासा हुआ है। इतना ही नहीं आरक्षण आंदोलन के दौरान वह राज्य के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों शंकर सिंह वाघेला, केशुभाई पटेल, सुरेश मेहता और दिलीप पारिख के सतत संपर्क में थे। पाटीदार महारैली की रणनीति हार्दिक ने साथियों के साथ होटल हयात में बनाई थी।
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेताओं के कॉल इंटरसेप्ट करने से पुलिस को चौंकाने वाली जानकारियां प्राप्त हुई हैं। इनमें पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की अपने विरोधी ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर से कार में मुलाकात का खुलासा हुआ है। 25 अगस्त को महारैली की पूर्व रात्रि हार्दिक अपने साथियों के साथ अहमदाबाद के फाइव स्टार होटल हयात आकर ठहरे। वहीं पर इसकी रणनीति बनाई गई। दस दिन पहले हार्दिक ने कौशिक व कल्पेश नामक युवक से मोबाइल पर बात कर रेलवे ट्रैक उखाड़ने का जिम्मा सौंपा था।
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हार्दिक की रिमांड बढ़ी
अपराध शाखा ने रविवार को हार्दिक पटेल व उनके तीन साथियों को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। पुलिस ने हार्दिक का सात दिन का रिमांड मांगा। पुलिस ने कहा कि आंदोलन के दौरान सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश फैलाने के लिए 10 लाख रुपये का ठेका देने की बात कही जा रही है। इस मामले की जांच करनी है। हालांकि अदालत ने दो दिन का रिमांड मंजूर कर तीन नवंबर तक की हिरासत पर सौंप दिया। अदालत ने उनके साथी चिराग, केतन व दिनेश बामणिया को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हार्दिक व उसके साथियों को गिरफ्तार करने के लिए एसओजी स्थानांतरण वारंट लेकर तैयार है। उधर हार्दिक के वकील बाबू मांगूकिया का कहना है कि पुलिस के पास राजद्रोह साबित करने का ठोस आधार नहीं है। वह पुराने आरोप दोहरा रही है।
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पटेल नेताओं ने ब्रिटिश पीएम को लिखा
अहमदाबाद। पाटीदार आंदोलन के नेताओं ने रविवार को बताया कि उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को पत्र लिखा है। इसमें गुजरात में पटेल समुदाय पर पुलिस के अत्याचार का जिक्र किया गया है। मालूम हो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी महीने ब्रिटेन की यात्रा पर जाने वाले हैं। पटेल नेताओं ने इस मुद्दे को उछालने के लिए मोदी की यात्रा के दौरान प्रदर्शन करने की भी घोषणा की है।
पत्र में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) ने कहा है कि इसका उद्देश्य समुदाय के लोगों की दुर्दशा को उजागर करना है, जिन्हें गुजरात की भाजपा सरकार के खिलाफ आवाज उठाने पर गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।
संगठन के नेता वरुण पटेल ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री इस महीने ब्रिटेन की यात्रा करने वाले हैं। पीएएएस ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में गुजरात में क्या घट रहा है, यह बताया है। हम उनसे कहना चाहते हैं कि यहां बहुत दिनों से लोकतंत्र नहीं है, क्योंकि जनता की आवाज को निर्दयता से दबाया जा रहा है।
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