माता-पिता के नाम खत में हार्दिक ने कहा, अधिकारों के लिए लड़ता रहूंगा
राजद्रोह के आराेप में कैद पाटीदार समुदाय के संयोजक हार्दिक पटेल ने मदर्स डे के मौके पर माता-पिता को खत लिखा, जिसमें खुद की तुलना देश के लिए लड़ रहे जवान से किया है।
सूरत। पाटीदार आंदोलन समिति के प्रमुख हार्दिक पटेल पिछले वर्ष से राजद्रोह के आरोप में लाजपोर सेंट्रल जेल में कैद हैं। हार्दिक ने मदर्स डे के अवसर पर अपने माता-पिता को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने समाज व देश के उत्थान के तौर पर अपने काम का उल्लेख करते हुए कहा है कि जब तक जीवित हूं अपने समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ता रहूंगा।
दो पेज के अपने पत्र में देश की रक्षा के खातिर सीमा पर खड़े रहने वाले जवान से खुद की तुलना करते हुए हार्दिक ने पिता भरत पटेल को कहा कि अपने समुदाय के लिए न्याय मांग कर उन्होंने कोई क्राइम नहीं किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, हार्दिक ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी उन्हें और उनके परिवार को कमजोर करना चाहती है। उन्होंने अपने परिवार से प्रार्थना किया है कि उन्हें वे भूल जाएं और देश में तानाशाह व अन्यायी सरकार के खिलाफ लड़ने वाले एक शहीद के तौर पर याद करें। हार्दिक ने अपनी मां को मजबूत बने रहने और अधिकारियों के साजिश में न फंसने को कहा है।
हार्दिक ने कहा, ‘मेरा परिवार किसान था और कभी अन्याय के सामने नहीं झुकेगा। मेरे पिता ने 1997 चुनावों के दौरान अभियान में आनंदीबेन पटेल की मदद की थी और उन्हें जीत हासिल हुई। 10 सालों से वो मेरे पिता को राखी भेजती रहीं और अब बिना किसी कारण के भाई के बेटे को जेल में डाल दिया। उनके इस काम पर मुझे हंसी आती है।‘
हार्दिक ने अपने पिता को उन पाटीदारों के परिवारों के पास जाने को कहा जो समुदाय के लिए आरक्षण आंदोलन में शामिल होने के दौरान मारे गए। साथ ही उनसे हार्दिक की ओर से माफी मांगने को कहा क्योंकि वो जेल में होने के कारण उनकी मदद करने में असमर्थ हैं।
पूरे राज्य को अपने मुट्ठी में लेने के लिए भाजपा को फटकार लगाते हुए हार्दिक ने कहा कि जब तक वो जिंदा हैं समुदाय की नौकरी व शिक्षा के अधिकार के लिए लड़ते रहेंगे।