हार्दिक की टीम नहीं उतरेगी गुजरात चुनाव में, कांग्रेस का समर्थन करेगी
हार्दिक की टीम नहीं उतरेगी गुजरात चुनाव में, गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करेगी।
राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक पटेल की टीम ने चुनाव नहीं लडऩे का फैसला लिया है। लेकिन उन्होंने गुजरात चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है। पाटीदारों को ओबीसी के तहत आरक्षण देने की मांग से पीछे हटते हुए उन्होंने कांग्रेस के ओबीसी के समकक्ष आरक्षण फार्मूले पर रजामंदी जताई है।
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने पत्रकार वार्ता में कहा कि वे आरक्षण से वंचित पाटीदार व अन्य वर्गों के सामाजिक न्याय के लिए आंदोलन चला रहे हैं। भाजपा ने पाटीदारों पर अत्याचार किया और अब चुनाव आते ही उनकी टीम को तोडऩे में जुटी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस चुनाव में पास के फर्जी संयोजकों को बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ाने के लिए 200 करोड़ रुपये का कोष रखा है।
भाजपा द्वारा बिकाऊ माल कहे जाने के जवाब में हार्दिक ने कहा कि जब वह जेल में थे तब सरकार ने उन्हें 1200 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था। तब नहीं बिका तो अब तो सवाल ही नहीं है। कांग्रेस का एजेंट होने के आरोप पर उन्होंने कहा कि वह गुजरात की छह करोड़ जनता के एजेंट हैं। भाजपा को इस चुनाव में हराना ही उनका लक्ष्य है।
सिब्बल ने आरक्षण का वादा किया
हार्दिक ने आरक्षण के संबंध में कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल आदि ने संविधान के अनुच्छेद 46, 47 के तहत आरक्षण से वंचित व पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिलाने का वादा किया है। कांग्रेस अपने चुनावी घोषणा पत्र में आरक्षण के मुद्दे को भी शामिल करेगी। आर्थिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़े व आरक्षण से वंचित वर्ग के लिए राज्य सरकार ने 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। कांग्रेस ने इसे 2000 करोड़ रुपये करने का भरोसा दिया है।
उपमुख्यमंत्री ने दिया हार्दिक को जवाब
उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने पलटवार करते हुए कहा कि हार्दिक कांग्रेस का एजेंट है तथा चुनाव आते ही सब बेनकाब हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, 50 फीसद से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता। फिर भी कांग्रेस व हार्दिक समाज को गुमराह कर रहे हैं।
बिना अनुमति रैली करने पर हार्दिक के खिलाफ एफआइआर
गांधीनगर जिले के मानसा कस्बे में 18 नवंबर को रैली करने को लेकर पुलिस ने हार्दिक और छह अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया है। यह रैली पुलिस से अनुमति लिए बगैर की गई थी। मानसा पुलिस ने कहा कि सभी के खिलाफ आइपीसी की धारा 143 और 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि कार्यकारी दंडाधिकारी महेश सोनी ने 20 नवंबर को एफआइआर दर्ज कराया।