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नागपुर जेल में तैयार है फांसी का फंदा

मुंबई में 22 साल पहले हुए आतंकी हमलों के गुनहगार याकूब मेमन को फांसी देने के लिए नागपुर जेल में सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। फांसी देने के लिए जेल में रस्सी तैयार है और किसी भी तरह की प्रतिक्रिया से निपटने के लिए पूरे राज्य में सुरक्षा

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2015 09:55 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2015 10:49 PM (IST)
नागपुर जेल में तैयार है फांसी का फंदा

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। मुंबई में 22 साल पहले हुए आतंकी हमलों के गुनहगार याकूब मेमन को फांसी देने के लिए नागपुर जेल में सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। फांसी देने के लिए जेल में रस्सी तैयार है और किसी भी तरह की प्रतिक्रिया से निपटने के लिए पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है।

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नियमानुसार किसी गुनहगार को फांसी दिए जाने से 14 दिन पहले उसे इसकी सूचना दे दी जाती है। याकूब के साथ भी ऐसा हो चुका है। उसके बाद ही उसकी ओर से दया याचिकाओं का नया दौर शुरू हुआ था। इस प्रक्रिया के बीच ही आइजी जेल प्रशासन मीरा बोरवनकर ने पिछले हफ्ते नागपुर जेल का दौरा कर फांसी की तैयारियों का मुआयना किया था। याकूब को फांसी दिलवाने के लिए वही जेल अधीक्षक योगेश देसाई अब नागपुर जेल में तैनात हैं, जो नवंबर 2012 में कसाब को फांसी देने के समय पुणे की यरवदा जेल में तैनात थे। याकूब को फांसी देने के इंतजाम व अन्य सुरक्षा व्यवस्था पर महाराष्ट्र सरकार ने 22 लाख रुपये खर्च किए हैं।

घी और पके केले से तर की गई है रस्सी की गांठ

फांसी देनेवाली रस्सी के तीन सेट तैयार कर लिए गए हैं। रस्सी की गांठ को घी एवं पके केले से तर किया गया है, ताकि फांसी दिए जाते समय दोषी की त्वचा को कोई नुकसान न पहुंचे। दोषी के वजन का डेढ़ गुना वजन का पुतला लटका कर रस्सी की गांठों को जांचा भी जा चुका है।

सुबह सात बजे होनी है फांसी

सुबह सात बजे याकूब को फांसी दी जानी है। फांसी के समय जेल निरीक्षक, उपनिरीक्षक, जिलाधिकारी, डॉक्टर, जज आदि वहां मौजूद रहेंगे। फांसी देनेवाले कर्मचारी की योग्यता के बारे में जेल मैन्युअल में कुछ नहीं कहा गया है। बस उसे अनुभवी होना चाहिए। याकूब के परिजनों को भी फांसी दिए जाने के बारे में सूचित कर दिया गया है।

दो घंटे पहले उसे उठाकर स्नान के लिए उसकी इच्छानुसार गरम या ठंडा पानी दिया जाएगा। उसकी इच्छानुसार धार्मिक पुस्तकें एवं मौलवी भी उपलब्ध कराने का प्रावधान है। उसे उसकी पसंद का भोजन भी दिया जाएगा। फांसी दिए जाने के बाद यदि याकूब का परिवार चाहे तो उसका शव उन्हें सौंपा जा सकता है, लेकिन उन्हें यह प्रतिज्ञापत्र देना होगा कि वह शव का सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं करेंगे।


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