कावेरी विवाद को लेकर अनशन पर बैठे पूर्व पीएम एच डी देवेगौड़ा
उन्होंने कहा, 'हम न्याय चाहते हैं। मनुष्यों को जीवित रहने के लिए पेयजल आवश्यक है। केंद्र सरकार से कर्नाटक को न्याय मिलने तक वह अपना आमरण अनशन जारी रखेंगे
बेंगलुरु, प्रेट्र। कावेरी नदी के पानी के बंटवारे को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा भी कूद पड़े। उन्होंने कर्नाटक के लिए 'न्याय' की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी।
जनता दल (सेक्युलर) सुप्रीमो देवेगौड़ा सुबह महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद भूख हड़ताल पर बैठे। सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार को आए आदेश की पृष्ठभूमि में देवेगौड़ा ने अचानक यह निर्णय किया। कोर्ट ने कर्नाटक को छह अक्टूबर तक तमिलनाडु को कावेरी नदी का 6000 क्यूसेक पानी छोड़ने और केंद्र से कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड का गठन करने को कहा है।
अनशन से पहले उन्होंने कहा, 'हम न्याय चाहते हैं। मनुष्यों को जीवित रहने के लिए पेयजल आवश्यक है। केंद्र सरकार से कर्नाटक को न्याय मिलने तक वह अपना आमरण अनशन जारी रखेंगे। उन्हें 'भरोसा' है कि प्रधानमंत्री मुद्दे को सुलझा लेंगे।'
देवेगौड़ा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर शनिवार दिन में मुख्यमंत्री सिद्दरमैया द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया। सुप्रीम कोर्ट का फैसला सूबे के लिए एक झटके के रूप में सामने आया है। देवेगौड़ा से मिलने गए सूबे के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा, 'पूर्व प्रधानमंत्री ने हमेशा प्रदेश के हितों के लिए लड़ाई लड़ी है। उम्मीद करता हूं कि भूख हड़ताल न्यायपालिका की आंखे खोलेगा।'
पढ़ें- SC की फटकार के बाद कावेरी मुद्देे पर कर्नाटक ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक