Move to Jagran APP

दिल्ली में मुंगेर के हथियारों की खपत बढ़ी

राजधानी में मुंगेर के बने अवैध हथियारों की खपत तेजी से बढ़ी है। हथियार तस्करी में लिप्त गिरोह रेलमार्ग के अलावा सड़क मार्ग से भी हथियारों की खेप यहां पहुंचा रहे हैं। दक्षिण पूर्वी जिला पुलिस द्वारा ऐसे ही एक गिरोह के सरगना समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से

By Edited By: Published: Mon, 15 Sep 2014 08:57 AM (IST)Updated: Mon, 15 Sep 2014 08:57 AM (IST)
दिल्ली में मुंगेर के हथियारों की खपत बढ़ी

दक्षिणी दिल्ली, [संजीव कुमार मिश्र]। राजधानी में मुंगेर के बने अवैध हथियारों की खपत तेजी से बढ़ी है। हथियार तस्करी में लिप्त गिरोह रेलमार्ग के अलावा सड़क मार्ग से भी हथियारों की खेप यहां पहुंचा रहे हैं। दक्षिण पूर्वी जिला पुलिस द्वारा ऐसे ही एक गिरोह के सरगना समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 9 पिस्टल, एक रिवाल्वर व 19 कारतूस बरामद किए गए हैं। पकड़े गए आरोपियों में गिरोह का सरगना मोहम्मद नजरू, फैयाज तथा चांद बाबू शामिल हैं।

loksabha election banner

दक्षिणी पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त मंदीप एस रंधावा के अनुसार बुलंदशहर निवासी नजरू काफी समय से अवैध हथियारों की तस्करी में लिप्त है। स्पेशल स्टॉफ की टीम ने शुक्रवार रात में नजरू व उसके साथियों को ओखला मंडी के बाहर से पकड़ा था। आरोपियों से बरामद बैग में हथियारों का जखीरा बरामद हुआ। पूछताछ में पता चला कि आरोपी दिल्ली में किसी व्यक्ति को यह खेप देने पहुंचे थे। सरगना नजरू के साथ गिरफ्तार फैयाज बिहार में पश्चिमी चंपारण का रहने वाला है। उसके हथियार तस्करों से संपर्क हैं।

ट्रकों में आते हैं हथियार

रेलवे स्टेशन पर जांच तथा रेलगाड़ियों में चेकिंग बढ़ने के बाद हथियार तस्कर अब सड़क मार्ग का सहारा ले रहे हैं। बिहार से आने वाले ट्रकों में लदे सामान में छिपाकर हथियार दिल्ली लाए जा रहे हैं। पकड़े गए आरोपियों से खुलासा हुआ कि वह सवारी बनकर ट्रक में बैठते थे। चालकों को वह मुंहमांगा किराया देते थे। कई बार चेकिंग के दौरान वह लोग खुद को व्यवसायी बता देते थे।

अधिकांश मुंगेर के हथियार

दिल्ली पुलिस द्वारा कराए गए अध्ययन में सामने आया है कि वारदात में इस्तेमाल व अपराधियों से बरामद किए गए अधिकांश हथियार मुंगेर निर्मित होते हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की मानें तो मुंगेर में बनी पिस्टल की क्वालिटी बेहतर होती है। यही वजह है कि बदमाशों में इसकी काफी मांग है। इसका फायदा हथियार तस्कर उठा रहे हैं।

देश के कोने-कोने में फैला रैकेट

पुलिस अधिकारियों के अनुसार मुंगेर से हथियार तस्करी का रैकेट पूरे देश में फैल चुका है। उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, जम्मू तथा पश्चिम बंगाल तक में मुंगेर निर्मित अवैध हथियार बरामद हो रहे है। कट्टे, बंदूक व राइफल से लेकर पिस्टल, कारबाइन और कई आधुनिक हथियार मुंगेर में बनाए जा रहे हैं। इन हथियारों पर मेड इन इंग्लैंड से लेकर मेड इन अमेरिका तक लिखा जा रहा है। इन हथियारों की क्वालिटी ऐसी होती है कि असली और नकली में कोई अंतर नजर नहीं आता।

आतंकियों तक पहुंचे हथियार

मुंगेर के हथियार आतंकियों तक पहुंच चुके हैं। सितंबर 2010 में जामा मस्जिद के बाहर विदेशी सैलानियों पर गोलीबारी और पुणे बम धमाकों के आरोप में पकड़े गए इंडियन मुजाहिदीन आतंकियों से मिली पिस्टल मुंगेर में बनी थीं।

300 से अधिक फैक्टियां

मुंगेर के विभिन्न हिस्सों में तीन सौ से अधिक अवैध हथियार की फैक्टरियां हैं। मकसुसपुर, बारा, मनिया चौराहा, कासिम बाजार, चुआबाग सहित कई इलाकों में यह फैक्ट्री स्थित हैं।

पढ़े: असलहों के साथ बदमाशों को दबोचा

दिल्ली में खुलेआम बिक रहा 'मौत का सामान'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.