चुनावी योग शिविरों पर आयोग सख्त
चुनावी हलचल के दौरान योग शिविरों या अन्य गैर राजनीतिक कैंपों के जरिये किसी दल के पक्ष में प्रचार किए जाने के मामलों को लेकर चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाई है। आयोग ने राज्यों में अपने अधिकारियों को ऐसे किसी भी कैंप को मंजूरी नहीं देने का निर्देश दिया है, जिनकी आड़ में किसी दल या उम्मीदवार का प्रचार किए
नई दिल्ली। चुनावी हलचल के दौरान योग शिविरों या अन्य गैर राजनीतिक कैंपों के जरिये किसी दल के पक्ष में प्रचार किए जाने के मामलों को लेकर चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाई है। आयोग ने राज्यों में अपने अधिकारियों को ऐसे किसी भी कैंप को मंजूरी नहीं देने का निर्देश दिया है, जिनकी आड़ में किसी दल या उम्मीदवार का प्रचार किए जाने की संभावना हो।
आयोग का यह निर्देश राजनीतिक दलों की ओर से इस शिकायत के बाद आया है कि योगगुरु बाबा रामदेव अपने योग शिविरों के जरिये भाजपा के पक्ष में राजनीतिक माहौल बना रहे हैं। आयोग ने कहा कि ऐसे मामले संज्ञान में आए हैं जहां गैर राजनीतिक कैंप के लिए अनुमति लेने के बाद उनका इस्तेमाल राजनीतिक अभियान के लिए हो रहा है। यह पूरी तरह से उन शर्तो का उल्लंघन हैं, जिनके तहत मंजूरी प्रदान की गई। आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को ऐसी कोई मंजूरी प्रदान करने से पहले आयोजनकर्ता के पूर्व के आयोजनों को ध्यान में रखने के लिए कहा है। आयोग ने अपने पूर्ववर्ती आदेश में कहा था कि ऐसे कैंप में किसी राजनीतिक व्यक्ति को मुख्य अतिथि या विशेष आमंत्रित के तौर पर नहीं शामिल किया जाना चाहिए। हाल ही में बाबा रामदेव के एक शिविर को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया था। इसके बाद आयोग ने बाबा रामदेव को आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस दिया गया था। अपने नए आदेश में आयोग ने स्पष्ट किया है इन शिविरों के जरिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष किसी भी प्रकार से राजनीतिक संदेश को गंभीरता से लिया जाएगा। ऐसी स्थिति में शिविर के खर्च को चुनाव अभियान से जुड़ा खर्च माना जाएगा और उसे संबंधित उम्मीदवार के खर्च में जोड़ा जाएगा।