Move to Jagran APP

अगले सत्र में पारित होगा भूमि बिल: जेटली

सरकार ने भरोसा जताया है कि भूमि अधिग्रहण विधेयक संसद के अगले सत्र में पारित हो जाएगा। उसे उम्मीद है कि संसद में संख्या का गणित अब इस बिल के पक्ष में है। सरकार के एक साल के कामकाज का ब्योरा देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sat, 23 May 2015 08:08 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2015 09:36 AM (IST)
अगले सत्र में पारित होगा भूमि बिल: जेटली

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकार ने भरोसा जताया है कि भूमि अधिग्रहण विधेयक संसद के अगले सत्र में पारित हो जाएगा। उसे उम्मीद है कि संसद में संख्या का गणित अब इस बिल के पक्ष में है। सरकार के एक साल के कामकाज का ब्योरा देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता में भूमि अधिग्रहण के साथ वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) बिल सबसे ऊपर हैं। जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के इन दोनों बिलों पर कांग्रेस के रुख की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जीएसटी और भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन जैसे सुधारवादी कदमों की राह में कांग्रेस ने बाधा खड़ी कर विकास विरोधी रवैया अपनाया है।

loksabha election banner

सरकार दोनों विधेयकों को लेकर प्रतिबद्ध

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इन दोनों बिलों को लेकर प्रतिबद्ध है। देश की दस फीसद विकास दर पाने के रास्ते में कांग्रेस रोड़े अटका रही है। उन्होंने प्रमुख विपक्षी पार्टी से अपने रुख पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। अब तक का कांग्रेस का रवैया सरकार के विकास के प्रयासों के खिलाफ रहा है। उन्होंने कहा ‘किसी राजनीतिक दल को यह कहने का अधिकार नहीं है कि वह इसे पारित नहीं होने देगा। कोई अगर इस बिल के खिलाफ है तो इसके विरोध में वोट करे। तब संसद के भीतर यह तय हो जाएगा कि कौन इस कानून के पक्ष में है और कौन इसे पारित नहीं होने देना चाहता। मुझे लगता है कि संसद के गणित की तस्वीर एकदम स्पष्ट है।’

राज्यों को दिया गया है ज्यादा अधिकार

क्षेत्रीय दलों से इन बिलों पर समर्थन के संकेत देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र ने राज्यों को ज्यादा अधिकार देकर उन्हें मजबूती दी है। केंद्र के इस कदम का राजनीतिक असर भी दिखेगा। जेटली ने 2013 में तत्कालीन संप्रग सरकार द्वारा लाए गए भूमि अधिग्रहण विधेयक को ग्रामीणों और किसानों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि 2015 के बिल में उन कमियों को दूर करने की कोशिश की गई है। वित्त मंत्री के मुताबिक 2013 का बिल बुनियादी ढांचे के विकास, सिंचाई परियोजनाओं, औद्योगीकरण और आवास के लक्ष्यों को पाने में बाधा उत्पन्न करता है।

जीएसटी बिल पर तकरीबन राजी है सभी राज्य

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रमुख विपक्षी दल ने खुद को वृद्धि और विकास के खिलाफ खड़ा कर लिया है। जीएसटी पर भी तकरीबन सभी राज्यों की सहमति है। राज्यों की वित्तीय ताकत बढ़े इसलिए सरकार पहली अप्रैल 2016 से देश में जीएसटी लागू करना चाहती है। गौरतलब है कि भूमि अधिग्रहण बिल को संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा गया है। समिति से मानसून सत्र के पहले दिन अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है, जबकि जीएसटी विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजा गया है।

श्रम सुधारों के कठिन रास्ते पर आगे बढ़ने की साहसिक पहल

एक इंजेक्शन से ठीक नहीं हो सकती 60 साल की बीमारी: वीके सिंह


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.