GST विधेयकों पर चर्चा जारी: कांग्रेस की प्रतिक्रिया, जीएसटी बेबी स्टेप गेम-चेंजर नहीं
लोकसभा में आज जीएसटी से जुड़े चार विधेयकों पर चर्चा होनी है।
नई दिल्ली: जीएसटी से जुड़े चार विधेयकों पर बुधवार को लोकसभा में चर्चा शुरू हो गई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चर्चा शुरू करते हुए कहा कि कुल चार कानूनों पर आज लोकसभा में चर्चा होगी। जिनमें सेंट्रल जीएसटी, इंटीग्रेटेड जीएसटी, यूनियन टेरिटरी जीएसटी और कॉम्पेंसेशन जीएसटी बिल शामिल हैं। वहीं एक अन्य पांचवें कानून स्टेट जीएसटी को देश के 29 राज्य और 2 यूनियन ट्रेरेटरी (केंद्र शासित राज्य) की विधानसभाओं में पेश किया जाएगा। जेटली ने कहा कि जीएसटी काउंसिल पहली संघीय समिति है जिसमें केंद्र के साथ-साथ 31 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं (राज्य एवं केद्र शासित प्रदेश)। जहां एक ओर जेटली ने इसे एक क्रांतिकारी कदम बताया जिससे हर किसी को फायदा होगा जबकि वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की ओर से इस पर प्रतिक्रिया देते हुए वीरप्पा मोइली ने कहा कि यह एक छोटा कदम है कोई गेम चेंजर नहीं।
क्या बोले अरुण जेटली:
अरुण जेटली ने सदन में कहा कि जीएसटी काउंसिल में काम के बटवारे पर सर्वसम्मति हो गई है। कुछ नियम बन गए बाकी 31 तारीख तक बना लिए जाएंगे। किस वस्तु पर कितना जीएसटी लगेगा इस पर फैसला अभी होना बाकी है। इसका काम भी जल्द शुरू कर लिया जाएगा और जो वस्तु मौजूदा टैक्स व्यवस्था में जिस दर के निकट आती होगी उसे उसमें शामिल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी लोकतंत्र में अपने तरह का पहला अनुभव है। जीएसटी काउंसिल में सभी 29 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेश से लोग शामिल हैं।
जेटली के बाद वीरप्पा मोइली ने शुरू की चर्चा:
कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने सदन में कहा कि जीएसटी में देरी होने से भारतीयों को करीब 10 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि एक्साइज फ्री जोन के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। वीरप्पा मोइली ने कहा कि सरकार ने वन नेशनल और वन टैक्स की अवधारण को कई स्तर पर टैक्स लगाकर खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी का एंटी प्राफिटियरिंग क्लाज अब भी काफी कठोर है।
मोइली ने कहा कि केंद्र सरकार जो आज सदन में लेकर आई है वो कोई बड़ा बदलाव नहीं है बल्कि एक छोटा सा कदम भर है। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत गंभीर मामला है इसमें आप संवैधानिक संशोधन के तहत शरण न लें।
वहीं इस पर वित्त सचिव अशोक लवासा ने कहा, "हमें 1 जुलाई की जीएसटी की समय सीमा के लिए काम करना चाहिए, यह एक मील का पत्थर होगा।"
We should work towards GST deadline of 1 July, it will be a landmark: Finance Secretary Ashok Lavasa (file pic) pic.twitter.com/thnikkOc0F— ANI (@ANI_news) March 29, 2017