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शादी के मंडप में दूल्हा रूठा, दुल्हन ने दूसरे लड़के से किया निकाह

दुल्हन सजधज कर निकाह के लिए तैयार थी। सहेलियां हंसी-ठिठोली कर रही थीं। काजी निकाह की तैयारी कर रहे थे। अचानक खबर मिली दूल्हा रूठ गया। उसे दहेज में कार चाहिए। लाख मनाने पर भी बारात नहीं आई तो थाने में शिकायत दर्ज कराई। अचानक चर्चा चली और आधे घंटे

By Sachin kEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2015 10:43 AM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2015 10:58 AM (IST)
शादी के मंडप में दूल्हा रूठा, दुल्हन ने दूसरे लड़के से किया निकाह

इंदौर। दुल्हन सजधज कर निकाह के लिए तैयार थी। सहेलियां हंसी-ठिठोली कर रही थीं। काजी निकाह की तैयारी कर रहे थे। अचानक खबर मिली दूल्हा रूठ गया। उसे दहेज में कार चाहिए। लाख मनाने पर भी बारात नहीं आई तो थाने में शिकायत दर्ज कराई। अचानक चर्चा चली और आधे घंटे में दूसरा दूल्हा तैयार हो गया।

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वाकया खजराना के अशर्फी नगर का है। किराना दुकान संचालक अब्दुल हफीज शाह की बेटी तमन्नाा का रिश्ता फरीद शाह निवासी बीएनपी देवास से तय हुआ था। मंगलवार को दोनों का निकाह था। हफीज के मुताबिक शाम 7 बजे बारात का समय तय था। रश्में पूरी कर दूल्हे का इंतजार कर रहे थे। 9 बजे तक बारात नहीं पहुंची तो दूल्हे के पिता अजीज को कॉल किया। खैरियत पूछी और पूछा कब तक पधार रहे हो।

अजीज ने बोले- किसने कहा मेरा बेटा बारात लेकर आ रहा है। यह सुनकर पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। रिश्तेदारों ने भी कॉल किए। दूल्हे की मां रुखसाना से बात की। उनसे कहा आप तो मां है। हमारी परेशानी समझ सकती हो। रुखसाना ने कहा-मेरे बेटे की डिमांड पूरी नहीं हुई। वह आपकी बेटी से शादी नहीं करेगा।

गाड़ी मांगी थी, कर्ज कर बाइक लाया

तमन्नाा के पिता हफीज के मुताबिक, 14 सितंबर को फरीद से रिश्ता तय हुआ था। नेग में 11 हजार कैश, सोने की अंगूठी और सूट दिए। रिश्तेदारों को कपड़े दिए। कुछ दिनों बाद फरीद ने कहा मुझे गाड़ी चाहिए। मामा यासिन से कर्ज लेकर बाइक लाया। मंगलवार को दहेज के सामान के साथ बाइक भी खड़ी कर दी, लेकिन फरीद ने कहा मुझे कार चाहिए। कार नहीं दे सकते तो 4 लाख कैश की व्यवस्था कर लो। हमने रात 11 बजे तक बारात का इंतजार किया। देर रात रहवासी सलीम मंसूरी, भेरुलाल व परिजन खजराना थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई।

जिससे पहले बात चली, उसी से हुआ रिश्ता

खुशी का माहौल अचानक गम में बदल गया। दुल्हन ने जेवर उतार दिए। तभी समाजजन एकत्रित हुए। नए रिश्ते की तलाश शुरू हुई। भाई हनीफ ने साले रमजान से उसके बेटे शरीफ के साथ शादी की बात की। इस पर वह राजी हो गया। काजी ने निकाह भी करवा दिए। रमजान के मुताबिक, मैं शादी में शामिल होने आया था। किस्मत में कुछ और लिखा था। मुझे बहू मिल गई। रिश्तेदार कासिम के मुताबिक शरीफ और तमन्नाा की शादी को लेकर पहले भी चर्चा हुई थी, लेकिन कुछ कारणों से सगाई नहीं हो पाई थी।

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