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अल्पसंख्यक युवाओं को अब मिलेगी ‘नई मंजिल’

बजट में अल्पसंख्यक युवाओं को नई मंजिल देने की घोषणा करके मोदी सरकार ने बता दिया है कि उन पर लगाए जा रहे अल्पसंख्यकों की अनदेखी के आरोप निराधार हैैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों को हुनरमंद बनाने का काम जारी रखेगी, चाहे उनके पास औपचारिक

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Sun, 01 Mar 2015 07:10 AM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2015 07:15 AM (IST)
अल्पसंख्यक युवाओं को अब मिलेगी ‘नई मंजिल’

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। बजट में अल्पसंख्यक युवाओं को नई मंजिल देने की घोषणा करके मोदी सरकार ने बता दिया है कि उन पर लगाए जा रहे अल्पसंख्यकों की अनदेखी के आरोप निराधार हैैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों को हुनरमंद बनाने का काम जारी रखेगी, चाहे उनके पास औपचारिक स्कूल प्रमाणपत्र हो या न हो। अल्पसंख्यक युवाओं के लिए नई मंजिल नामक एकीकृत शिक्षा और आजीविका योजना शुरू की जाएगी।

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ऐसे अल्पसंख्यक युवकों को समर्थ बनाने के लिए सरकार नई मंजिल योजना शुरू करेगी जिनके पास औपचारिक स्कूल प्रमाणपत्र नहीं है, जिससे वे रोजगार प्राप्त कर सकें। नई मंजिल अल्पसंख्यक युवकों के लिए एकीकृत शिक्षा और आजीविका योजना है। पिछले बजट में भी मोदी सरकार ने अल्पसंख्यकों को हुनरमंद बनाने के लिए उस्ताद और नई रोशनी योजना शुरू की थी। उस्ताद योजना में अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं को परंपरागत हुनर को निखारने के लिए प्रशिक्षण दिए जाने की व्यवस्था थी। जिसमें बुनकर, हस्तशिल्प जैसे परंपरागत रोजगार आते हैं। इसके अलावा अल्पसंख्यक महिलाओं को रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण देने के लिए ऐसी ही नई रोशनी योजना शुरू की गई थी।

पारसियों को भी मिलेगी मदद

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार पारसियों की सभ्यता और संस्कृति प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी एवरलास्टिंग फ्लेम को भी मदद देगी। मालूम हो कि देश में पारसियों की संख्या काफी कम रह गई है। पारसी भी अल्पसंख्यकों में आते हैैं। मोदी सरकार ने वर्ष 2015 -16 में अल्पसंख्यकों के लिए 3738 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है जो कि उनके पिछले बजट से 573 करोड़ ज्यादा है। पिछली बार मोदी सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए 3165 करोड़ के बजट का प्रावधान किया था। हालांकि मोदी सरकार द्वारा पेश किया गया पिछला बजट पूर्ण बजट नहीं था। यूपीए सरकार की ओर से पेश किये गए 2014 -15 के बजट में अल्पसंख्यकों के लिए 3734.1 करोड़ का प्रावधान किया गया था। आम चुनाव के बाद मोदी सरकार सत्ता में आई और उसने जुलाई में पुनर्रीक्षित बजट पेश किया, जिसमें अल्पसंख्यकों के लिए 3165 करोड़ की राशि रखी गई थी।

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