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पटेल जयंती से राष्ट्रीय राजमार्गो पर ईटीसी का आगाज

सरदार पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) पर 55 टोल प्लाजाओं के साथ देश के राष्ट्रीय राजमार्गो पर इलेक्ट्रानिक टोल संग्रह (ईटीसी) प्रणाली का आगाज हो जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इसका उद्घाटन करेंगे। फिलहाल देश में एनएचएआइ द्वारा निर्मित राष्ट्रीय राजमार्गो पर कुल मिलाकर 350

By Sudhir JhaEdited By: Published: Sat, 25 Oct 2014 08:38 PM (IST)Updated: Sat, 25 Oct 2014 08:40 PM (IST)
पटेल जयंती से राष्ट्रीय राजमार्गो पर ईटीसी का आगाज

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरदार पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) पर 55 टोल प्लाजाओं के साथ देश के राष्ट्रीय राजमार्गो पर इलेक्ट्रानिक टोल संग्रह (ईटीसी) प्रणाली का आगाज हो जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इसका उद्घाटन करेंगे।

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फिलहाल देश में एनएचएआइ द्वारा निर्मित राष्ट्रीय राजमार्गो पर कुल मिलाकर 350 टोल प्लाजा है। इनमें से अब तक 55 टोल प्लाजा पर टोल संग्रह की ईटीसी प्रणाली लागू हो गई है। इनमें दस टोल प्लाजा अहमदाबाद से मुंबई के बीच एनएच-8 पर स्थित हैं। यही वह राष्ट्रीय राजमार्ग खंड है, जहां दो साल पहले इस प्रणाली को पहली बार आजमाया गया था। इस पायलट प्रोजेक्ट में सामने आई दिक्कतों को दूर करने के बाद अंतत: जो परिष्कृत ईटीसी प्रणाली सामने आई है, अब उसे देश भर में लागू किया जा रहा है। दिल्ली-मुंबई के बीच एनएच-8 पर करीब दो दर्जन टोल प्लाजा हैं। इन्हें सेंट्रल क्लिय¨रग हाउस (सीसीएच) से संबद्ध करने का काम लगभग पूरा हो गया है।

ईटीसी को कामयाब बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राजमार्गो पर टोल प्लाजा की एक लेन पर ईटीसी लगाना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए नई हाईवे परियोजनाओं के कांट्रैक्ट एग्रीमेंट में आवश्यक उपबंध जोड़ा गया है। जबकि पहले से चल रही परियोजनाओं के एग्रीमेंट में पूरक उपबंध जोड़ने की व्यवस्था की गई है। यही नहीं, ईटीसी को लागू करने के लिए इंडियन हाईवेज मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के नाम से विशेष कंपनी का गठन भी किया गया है। इसमें एनएचएआइ और सड़क बनाने वाली कंपनियों की 25-25 फीसद तथा वित्तीय संस्थाओं की 50 फीसद इक्विटी हिस्सेदारी है।

यह कंपनी ईटीसी के जरिये टोल संग्रह के लिए रणनीतिक, प्रशासनिक, तकनीकी तथा वाणिज्यिक उपाय करेगी। इसमें क्लिय¨रग हाउस आपरेशन से लेकर हेल्प डेस्क तथा कॉल सेंटरों की स्थापना करना तथा वाहनों के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन (आरएफआइडी) टैग जारी करना शामिल है। वाहनों में आरएफआइडी टैग लगाने के लिए 1989 की केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली में भी संशोधन किया गया है।

ईटीसी को अमली जामा पहनाने के लिए सरकार की ओर से पिछले दो सालों से काम चल रहा है। सरकारी खर्च से बनने वाली 51 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं पर ईटीसी लागू करने के लिए वर्ष 2012-13 में ढाई करोड़ रुपये, जबकि 2013-14 में सवा सत्रह करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी। ईटीसी खातों के प्रबंधन और आरएफआइडी टैग के वितरण के लिए आइएचएमसीएल ने आइसीआइसीआइ बैंक तथा एक्सिस बैंक के साथ सर्विस प्रोवाइडर एग्रीमेंट भी किया है।

ईटीसी से टोल प्लाजाओं पर लगने वाली वाहनों की कतारें तो खत्म होंगी ही, आए दिन होने वाले झगड़ों और आंदोलनों से भी राहत मिलेगी। इससे टोल संग्रह में भी इजाफा होने की उम्मीद है। राजमार्गो के निर्माण और रखरखाव के लिए टोल संग्रह को दुनिया भर में आवश्यक माना गया है।

पढ़ें: इटीसी लागू होने तक जारी रहेगी सालाना टोल वसूली


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