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केंद्र सरकार के सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा, 7.13 करोड़ भारतीयों को लगी ये गलत लत

सरकार द्वारा 186 जिलों में ये व्यापक सर्वे किया गया है। इसमें पुरुषों के साथ ही बच्चों और महिलाओं को भी गंभीर खतरे में पाया गया है। इन्हें तत्काल इलाज की जरूरत बताई गई है।

By Amit SinghEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 06:25 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 09:03 AM (IST)
केंद्र सरकार के सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा, 7.13 करोड़ भारतीयों को लगी ये गलत लत
केंद्र सरकार के सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा, 7.13 करोड़ भारतीयों को लगी ये गलत लत

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। देश में बढ़ती नशे की लत एक गंभीर समस्या बन चुकी है। नशे की बढ़ती लत पर भारत सरकार का एक चौंकाने वाला सर्वे सामने आया है। इस सर्वे में बताया गया है कि तकरीबन 7.13 करोड़ भारतीय तरह-तरह के नशों की गंभीर लत से जुझ रहे हैं। इनमें नशे की लत इतनी बढ़ चुकी है कि इन्हें तत्काल इलाज की जरूरत है, जो पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है।

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भारत सरकार के इस सर्वे में प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित राज्यों (Union Territories) को शामिल किया गया है। बताया गया है कि सर्वे में सबसे ज्यादा 5.17 करोड़ लोग शराब के गंभीर लती पाए गए हैं। इसके अलावा 72 लाख लोग भांग, 60 लाख लोग अफीम व चरस आदि और 11 लाख लोग नशीली गोलियों या इंजेक्शन से होने वाले नशे की लत में फंसे हुए हैं। सर्वे में 70,293 लोग ऐसे भी शामिल हैं, जो नशे के लिए खतरान किस्म के ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं।

सर्वे में ये भी आशंका व्यक्त की गई है कि नशे की गंभीर लत से जूझ रहे लोगों की वास्तविक संख्या सर्वे रिपोर्ट से भी ज्यादा हो सकती है। इस सर्वे में 186 जिलों के दो लाख से अधिक परिवारों को शामिल किया गया है। भारत में नशे की लत के ये आंकड़े दिसंबर 2017 से अक्टूबर 2018 के बीच एकत्र किए गए हैं। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार भारत में नशे की इन लत से जूझ रहे लोगों के लिए इलाज की उचित और पर्याप्त सुविधाएं नहीं है।

सर्वे में भांग को बताया गेटवे ड्रग
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये सर्वे ड्रग्स और शराब की लत की चिंताजनक तस्वीर पेश करती है, क्योंकि ये लोगों के स्वास्थ्य के साथ उनको आर्थिक रूप से भी छति पहुंचा रहा है। लोगों में भांग की लत बढ़ना एक बड़ी समस्या की तरफ इशारा कर रहा है, क्योंकि ये शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में आसानी से उपलब्ध है। सर्वे में बताया गया है कि भांग बहुत से लोगों के लिए एक शुरूआती नशे (गेटवे ड्रग) की तरह है। मतलब लोग भांग से नशे की शुरूआत कर रहे हैं और फिर कोकीन व हेरोइन जैसे खतरान नशों के जाल में फंस जा रहे हैं। भांग के नशे से व्यक्ति के दिमाग और व्यक्तित्व को गंभीर नुकसान पहुंचता है।

नशे की लत में महिलाएं भी पीछे नहीं
इस सर्वे में सरकार ने पहली बार महिलाओं द्वारा नशा करने का डाटा भी एकत्र किया है। सर्वे में बताया गया है कि कुल आबादी के 27.3 फीसद पुरुष और 6.4 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करते हैं। महिलाओं के मुकाबले शराब का सेवन करने वाले पुरुषों की संख्या 1.6 फीसद अधिक है।

यहां आधी से ज्यादा पुरुष आबादी शराब पीती है
शराब के आदि लोगों में सबसे खराब स्थिति चंडीगढ़, त्रिपुरा और पंजाब की है। सर्वे के अनुसार चंडीगढ़, त्रिपुरा और पंजाब में आधे से ज्यादा पुरुष आबादी शराब का सेवन करती है। अगर शराब का सेवन करने वालों की जनसंख्या की बात करें तो उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 4.2 करोड़ लोग शराब पीते हैं। दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल है, जहां 1.4 करोड़ लोग हैं और तीसरे स्थान पर मौजूद मध्य प्रदेश में 1.2 करोड़ लोग शराब पीते हैं।

4.6 लाख बच्चे भी हैं नशे की जद में
सर्वे में पता चला है कि देश में कुल लगभग 16 करोड़ शराब पीने वाले लोग हैं, जिनकी आयु 10 वर्ष से 75 वर्ष के बीच है और इनमें से 19 फीसद लोग शराब की गंभीर लत के आदि हो चुके हैं। शराब और ड्रग्स के अलावा भी लगभग 4.6 लाख बच्चे और 18 लाख वयस्क सर्दी-जुकाम में दवा के तौर पर इस्तेमाल होने वाले इनहेलर (Inhalants) और नशीली दवाईयों की लत से जूझ रहे हैं।

नशे से निपटने के लिए नहीं हैं इलाज के इंतजाम
भारत में नशे की लत के ये आंकड़े दिसंबर 2017 से अक्टूबर 2018 के बीच एकत्र किए गए हैं। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार भारत में नशे की इन लत से जूझ रहे लोगों के लिए इलाज की उचित और पर्याप्त सुविधाएं नहीं है। शराब के आदि हो चुके 38 में से केवल एक व्यक्ति को किसी तरह का इलाज मिल पा रहा है। वहीं शराब के आदि हो चुके 180 व्यक्तियों में से मात्र एक का अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा पा रहा है। वहीं ड्रग के आदि हो चुके 20 लोगों में से भी केवल एक व्यक्ति को सही इलाज मिल पा रहा है।

एम्स द्वारा किया गया है सर्वे
"मैग्नीट्यूड ऑफ सब्सटेंस एब्यूज इन इंडिया" शीर्षक से ये सर्वे रिपोर्ट सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के निर्देश पर एम्स के नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर द्वारा तैयार की गई है। इस सर्वे के संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि ड्रग के इस्तेमाल को लेकर वर्ष 2004 की रिपोर्ट व्यापक नहीं थी। इसलिए 2016 में नए सिरे से सर्वे शुरू कराया गया।

इन राज्यों में है खतरान स्थिति
मंत्री गहलोत ने सर्वे का हवाला देते हुए बताया कि यूपी, पंजाब, सिक्किम, छत्तीसगढ़ और दिल्ली में भांग, गांजा और चरस का प्रचलन काफी ज्यादा है। इन राज्यों में ये मादक पदार्थ प्रतिबंधित होने के बावजूद आसानी से शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को उपलब्ध है। सिक्किम और पंजाब में भांग का उपयोग, राष्ट्रीय औसत से भी तीन गुना ज्यादा है। नशे की लत से जुझ रहे जिन लोगों को तत्काल चिकित्सकीय मदद की जरूरत है, उनमें से 28 लाख यूपी, 5.7 लाख पंजाब और 4.9 लाख ओड़िशा में है। सर्वे के अनुसार भारत की पांच फीसद आबादी शराब पीने से होने वाले स्वास्थ्य के खतरों से जूझ रही है।


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