कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाए सरकार : सुब्रह्मण्यम
भाजपा नेता और पूर्व वाणिज्य एवं विधि मंत्री सुब्रह्माण्यम स्वामी ने गुरुवार को कहा कि कश्मीर में शांति के लिए सरकार को राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सेवानिवृत्त दस लाख पूर्व सैनिकों को पुख्ता हथियार व आर्थिक मदद देकर विस्थापित पांच लाख कश्मीरी पंडितों को वहां वापस बसाना चाहिए।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। भाजपा नेता और पूर्व वाणिज्य एवं विधि मंत्री सुब्रह्माण्यम स्वामी ने गुरुवार को कहा कि कश्मीर में शांति के लिए सरकार को राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सेवानिवृत्ता दस लाख पूर्व सैनिकों को पुख्ता हथियार व आर्थिक मदद देकर विस्थापित पांच लाख कश्मीरी पंडितों को वहां वापस बसाना चाहिए। उन्होंने हिंदू और मुसलमान का डीएनए एक बताया।
स्वामी गोमती नगर स्थित संगीत नाटक अकादमी सभागार में यूथ इन एक्शन और माइ होम इंडिया की ओर से आयोजित 'मैं और मेरा भारत' विषय पर आयोजित व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। स्वामी ने कहा कि मुसलमानों के पूर्वज हिंदू थे। उन्होंने कहा कि फारूख अब्दुल्ला मेरे मित्र हैं। एक बार मुलाकात के दौरान उन्होंने मुझसे गोत्र की जानकारी चाही तो मैंने अपना गोत्र कश्यप बताया था। इस पर उन्होंने कहा था कि उनके पूर्वज भी सारस्वत ब्राह्मण थे। समारोह में उपस्थित युवाओं से कहा कि भौतिकवाद भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है।
युवाओं से नया भारत बनाने के लिए जोखिम उठाने की अपील की और कहा कि जब तक जोखिम नहीं उठाएंगे तब तक नए भारत का निर्माण नहीं हो सकता है। दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत की समृद्धि का जिक्र करते हुए कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां पूरे वर्ष खेती के अवसर उपलब्ध हैं। फिर भी कृषि और दूध उत्पादन में हम पीछे हैं।
विरोधियों पर साधा निशाना
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अपने संबोधन में विरोधियों पर जमकर निशाना साधा और भ्रष्टाचार में फंसे नेताओं पर तंज कसे। करुणानिधि, जयललिता, सोनिया गांधी और ममता बनर्जी पर उन्होंने जमकर हमला बोला। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बंसत पंचमी तक नेशनल हेराल्ड की पूंजी की हेराफेरी करने वाले मां-बेटा जेल जाएंगे। बसपा प्रमुख मायावती को उन्होंने अपना मित्र बताया।
फिर मथुरा, अयोध्या और काशी
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने मथुरा, अयोध्या और काशी में मंदिर निर्माण का मुद्दा फिर उठाया। उन्होंने कहा कि इसके लिए वे प्रतिबद्ध हैं और हर संभव कोशिश करेंगे। इस संबंध में उन्होंने कई देशों में मस्जिदों को तोड़कर माल, पुल आदि बनाने के उदाहरण भी दिए।