Move to Jagran APP

चुनाव में रिश्वतखोरी को संज्ञेय अपराध बनाने की योजना बना रही सरकार

केंद्र की राजग सरकार चुनाव के दौरान भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की तैयारी में है। इसके लिए वह कानून में संशोधन करके चुनाव के दौरान किसी भी तरह की रिश्वतखोरी को संज्ञेय अपराध बनाने पर विचार कर रही है। इस संशोधन के बाद चुनावों के दौरान नकदी या सामान के

By Sudhir JhaEdited By: Published: Sun, 01 Feb 2015 06:20 PM (IST)Updated: Sun, 01 Feb 2015 06:48 PM (IST)
चुनाव में रिश्वतखोरी को संज्ञेय अपराध बनाने की योजना बना रही सरकार

नई दिल्ली। केंद्र की राजग सरकार चुनाव के दौरान भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की तैयारी में है। इसके लिए वह कानून में संशोधन करके चुनाव के दौरान किसी भी तरह की रिश्वतखोरी को संज्ञेय अपराध बनाने पर विचार कर रही है। इस संशोधन के बाद चुनावों के दौरान नकदी या सामान के रूप में रिश्वत लेने पर पुलिस को कानून का उल्लंघन करने वालों को बगैर वारंट गिरफ्तारी का अधिकार होगा और इस जुर्म में दो साल तक कैद की सजा दी जा सकेगी।

loksabha election banner

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि उसके मंत्रालय ने हाल ही में चुनाव आयोग को बताया है कि उसने अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में संशोधन की प्रक्रिया शुरू की है। इस बारें में विधि अधिकारियों को संशोधित विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए एक नोट भेजा गया है। यदि यह मसौदा समय पर तैयार हो गया तो हमलोग इस संशोधन विधेयक को संसद के बजट सत्र के उत्तरा‌र्द्ध में पेश कर सकते हैं। संज्ञेय अपराध वे होते हैं जिसमें उस अपराध के लिए पुलिस अधिकारी को बगैर वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार होता है। मौजूदा समय में चुनाव प्रक्रिया के दौरान भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 171 बी /171ई के तहत मतदाताओं को नकद या सामान रिश्वत देना संज्ञेय अपराध नहीं है। इसमें केवल एक साल तक की कैद या दंड के रूप में जुर्माना लगाने का प्रावधान है।

आयोग ने सरकार को वर्ष 2012 में ही ऐसा करने के लिए सीआरपीसी में संशोधन करने को कहा था। मौजूदा कानून के तहत यह सूचना होने पर भी कि उस घर में नकदी बहुत रखी हुई है बगैर वारंट किसी भी घर की तलाशी नहीं ली जा सकती। अधिकारियों का मानना है कि कानून में बदलाव जरूरी हो गया है क्योंकि स्थानीय चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक में रिश्वतखोरी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। नकदी, शराब, कपड़े, टीवी और अन्य उपहार जैसे घरेलू सामान बांटना चुनाव प्रक्रिया के दौरान कुछ राज्यों में आम बात हो गई है।

पढ़ेंः रिश्वत का आरोप लगाकर छात्र रफूचक्कर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.