पीडीपी ने सरकार गठन पर तेज की विधायकों से चर्चा
भाजपा के साथ संभावित गठजोड़ के विरोध में पार्टी के अंदर उठ रही विरोधी आवाज तथा राज्यपाल एनएन वोहरा के बुलावे के देखते हुए पीडीपी ने अपने विधायकों के साथ सलाह-मश्विरा की मुहिम तेज कर दी है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर ने रविवार को बताया- "राज्य में सरकार
श्रीनगर। भाजपा के साथ संभावित गठजोड़ के विरोध में पार्टी के अंदर उठ रही विरोधी आवाज तथा राज्यपाल एनएन वोहरा के बुलावे के देखते हुए पीडीपी ने अपने विधायकों के साथ सलाह-मश्विरा की मुहिम तेज कर दी है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर ने रविवार को बताया- "राज्य में सरकार गठन को लेकर गठबंधन की विभिन्न संभावनाओं पर नवनिर्वाचित विधायकों से आज (रविवार) एक अनौपचारिक चर्चा हुई।"
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पीडीपी के लिए भाजपा से गठबंधन समेत सभी विकल्प खुले हुए हैं। 87 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पीडीपी 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। भाजपा 25 सीटें जीतकर दूसरे नंबर पर है। उन्होंने कहा- "पार्टी नेतृत्व की राज्यपाल से मुलाकात के पहले हम अपनी पार्टी में सर्वसम्मति बनाने की प्रक्रिया में हैं।"
मालूम हो कि सरकार गठन में हो रही देरी को देखते हुए राज्यपाल ने पीडीपी अध्यक्ष मेहबूबा मुफ्ती सईद तथा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा को चर्चा के लिए एक जनवरी को अलग-अलग बुलाया है। इसके लिए शुक्रवार को दोनों नेताओं को भेजे गए गए पत्र में राज्यपाल ने उनसे सरकार गठन की योजनाओं के बारे में बताने को कहा है।
चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद से पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद शांत बैठे रहे हैं। लेकिन पिछले एक सप्ताह में रविवार को पहली बार वह अपने गुपकार रोड स्थित आवास से बाहर निकले। अख्तर ने कहा- "कुछ समय पहले उनकी (सईद की) एक आंख का ऑपरेशन हुआ था। उसी का चेकअप कराने के लिए गए थे।"
वैसे शनिवार को पीडीपी ने गठबंधन के लिए कड़ी शर्तें रखकर भाजपा को सकते में डाल दिया है। पीडीपी संविधान के अनुच्छेद 370 (जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है) पर कोई समझौता नहीं करने तथा सेना को विशेष अधिकार वाले कानून "अफस्पा" को शांति वाले क्षेत्र से हटाने पर आश्वासन चाहती है।