इसरो वैज्ञानिक को दस लाख मुआवजा
कोच्चि। केरल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन [इसरो] के वैज्ञानिक नंबी नारायणन को दस लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। इसे तीन महीने के भीतर देना है।
कोच्चि। केरल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन [इसरो] के वैज्ञानिक नंबी नारायणन को दस लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। इसे तीन महीने के भीतर देना है। 1994 के इसरो जासूसी मामले में उन पर झूठे आरोप लगे थे।
जस्टिस सीएन रामचंद्रन नायर और सीके अब्दुल रहीम की पीठ ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग [एनएचआरसी] के फैसले को बरकरार रखते हुए यह आदेश सुनाया। नारायणन को रॉकेट तकनीक में तरल ईधन की शुरुआत करने का श्रेय जाता है। इसरो से जुड़ा जासूसी का यह सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद केरल पुलिस ने इसकी जांच सीबीआइ को सौंप दी थी। सीबीआइ ने जांच में इसे झूठा पाया था। 1998 में सुप्रीम कोर्ट ने जासूसी के आरोपों को गलत करार देते हुए नारायणन के अलावा इसरो के एक अन्य वैज्ञानिक डी शशिकुमारन, बेंगलूर व्यवसायियों एसके शर्मा और चंद्रशेखरन, पूर्व आइजीपी रामो श्रीवास्तव और मालदीव की दो महिलाओं को रिहा करने का आदेश दिया था। शीर्ष न्यायालय के फैसले के बाद नारायणन ने मुआवजे के लिए एनएचआरसी का दरवाजा खटखटाया था। उसने सरकार से नारायण को दस लाख रुपये देने को कहा था।
एनएचआरसी के आदेश को चुनौती देते हुए सरकार ने कोर्ट में अपील की थी। सरकार का कहना था कि नारायणन ने देर से याचिका दाखिल की है, लेकिन अदालत ने इस दलील को खारिज कर दिया।
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