डिजिटल अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सरकार बनाएगी रोडमैप
भीम एप के जारी होने के बाद से अब तक 1,406.89 करो़ड रपए के इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन हो चुके हैं। अब सरकार ने आधार के जरिये भुगतान की सुविधा भी शुरू कर दी है।
नई दिल्ली (ब्यूरो)। बीते तीन साल में सरकार ने डिजिटल इंडिया की दिशा में काफी काम किया है। इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुताबिक आधार के दो करो़ड प्रमाणीकरण रोजाना हो रहे हैं। भीम एप के जारी होने के बाद से अब तक 1,406.89 करो़ड रपए के इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन हो चुके हैं। अब सरकार ने आधार के जरिये भुगतान की सुविधा भी शुरू कर दी है। ऐसे लेनदेन में 390 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। मोबाइल वॉलेट से किए जाने वाले भुगतान में 104 फीसदी की वृद्धि हुई है। हालांकि रिजर्व बैंक के अप्रैल के आंक़़डों के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट की संख्या में कमी आई है।
600 लाख करो़ड की अर्थव्यवस्था
केंद्र सरकार का मानना है कि अगले पांच-छह साल में देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था का आकार 600 लाख करो़ड रपए का हो जाएगा। इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सरकार मैकेंजी के साथ मिलकर एक रोडमैप तैयार करेगी। इस दिशा में कदम उठाते हुए केंद्र ने डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के नाम से एक नई संस्था के गठन का भी फैसला किया है।
विलय की प्रक्रिया
रविशंकर प्रसाद ने अपने मंत्रालय की तीन साल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि इस नए निगम में कुछ पुरानी संस्थाओं का विलय भी किया जाएगा। इनमें ओवरसीज मंत्रालय की प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट नेशनल ई-गवर्नेस डिवीजन भी शामिल है। इस कॉरपोरेशन की विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकारों के मंत्रालयों को उनकी ई-गवर्नेस रणनीति तैयार करने में मददगार की भूमिका होगी।
सॉफ्टवेयर प्रोक्योरमेंट पॉलिसी बनेगी
प्रसाद ने कहा कि सरकार डिजिटल सुरक्षा की जरूरत को समझते हुए और कडे उपाय कर रही है। इसके तहत वित्तीय और पावर सेक्टर के लिए अलग-अलग कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम इंडिया (सीईआरटी-इन) गठित करने की योजना है। इसके अलावा प्रसाद ने एलान किया कि उनके मंत्रालय ने सॉफ्टवेयर प्रोक्योरमेंट पॉलिसी का मसौदा भी तैयार कर लिया है। इसके तहत सभी पक्षों के लिए लेवल प्लेइंग फील्ड का प्रावधान रखा गया है। आईटी उद्योग और नैस्कॉम लंबे समय से इस तरह की नीति की मांग कर रहे थे। इसे तैयार करने से पहले आईटी उद्योग और सभी संबंधित पक्षों से मशविरा किया गया है।
यह भी पढ़ें : आरबीआई ने किया डिफॉल्टर्स के नाम बताने से इनकार, आरटीआई के जरिए मांगी गई थी जानकारी