एजेंसियों से भारत की रेटिंग सुधारने को लॉबींग शुरू
सरकार ने कॉरपोरेट जगत की मांगों के अनुकूल बजट पेश कर दिया, रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को घटाने का रास्ता भी साफ कर दिया। इसके बावजूद रेटिंग एजेंसियों के बीच भारत की साख में सुधार को लेकर सहमति बनती नजर नहीं आ रही। तीन वर्ष पहले भारत की रेटिंग
नई दिल्ली। सरकार ने कॉरपोरेट जगत की मांगों के अनुकूल बजट पेश कर दिया, रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को घटाने का रास्ता भी साफ कर दिया। इसके बावजूद रेटिंग एजेंसियों के बीच भारत की साख में सुधार को लेकर सहमति बनती नजर नहीं आ रही। तीन वर्ष पहले भारत की रेटिंग नकारात्मक कर सरकार की भद पिटवाने वाली ग्लोबल एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) ने कहा है कि वह अंतिम फैसला करने से पहले अभी और इंतजार करेगी। दूसरी रेटिंग एजेंसी मूडीज का रुख थोड़ा सकारात्मक है, मगर उसने कहा है कि हाल के कदमों का असर देखने के बाद ही वह फैसला करेगी।
माेदी की कोशिशों से सुधरेगी देश की साख
हालांकि, केंद्र सरकार की तरफ से भी भारत की रेटिंग सुधारने को लेकर लॉबींग शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि वित्त मंत्रालय जल्द ही दुनिया भर की प्रमुख रेटिंग एजेंसियों के साथ बैठकों का दौर शुरू करेगा, ताकि रेटिंग पर अपनी स्थिति रखी जा सके। पिछले वर्ष भी इस तरह की बैठकें हुई थीं। बुधवार को रेपो रेट में कमी की आरबीआइ की घोषणा के थोड़ी ही देर बाद वित्त मंत्रालय के प्रमुख आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा, 'अब यह साबित हो गया है कि आर्थिक विकास को लेकर सरकार व केंद्रीय बैंक एक ही दिशा में कार्यरत हैं। रेटिंग एजेंसियों को इसे मद्देनजर रखते हुए भारत की रेटिंग सुधारने पर विचार करना चाहिए।'
रेटिंग में बदलाव नई सरकार के आर्थिक एजेंडे पर निर्भर
भारत को सबसे खराब रेटिंग (बीबीबी- यानी नकारात्मक) देने वाली एजेंसी एसएंडपी ने कहा है कि राजकोषीय संतुलन की मौजूदा स्थिति सुधारने को लेकर सरकार की कोशिशों का क्या असर होता है, उसको देखकर भी रेटिंग को लेकर वह फैसला करेगी। एजेंसी ने भारतीय रुपये की स्थिति का उदाहरण देते हुए कहा है कि यह अभी भी कमजोर है। डॉलर के मुकाबले रुपया 62.25 के स्तर पर है। यह बताता है कि राजकोषीय स्थिति में काफी सुधार नहीं हुआ है।
वैसे एक अन्य रेटिंग एजेंसी मूडीज ने हाल की कोशिशों को सही दिशा में उठाया गया कदम बताया है। खास तौर पर महंगाई को रोकने को लेकर सरकार व रिजर्व बैंक के बीच जो समझौता हुआ है, उसको काफी सकारात्मक बताते हुए मूडीज ने कहा है कि भारत अब अपनी साख में सुधार की उम्मीद कर सकता है।
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