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कोल इंडिया में अपनी और हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

केंद्र सरकार दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) में अपनी हिस्सेदारी और कम करने की तैयारी कर रही है। विनिवेश विभाग की ओर से अधिसूचना जारी कर कहा गया है कि सरकार सीआईएल में अपनी 78.65 फीसद की कुल हिस्सेदारी में से 10 प्रतिशत का

By Manoj YadavEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2015 09:03 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2015 09:04 PM (IST)
कोल इंडिया में अपनी और हिस्सेदारी बेचेगी सरकार

कोलकाता। केंद्र सरकार दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) में अपनी हिस्सेदारी और कम करने की तैयारी कर रही है। विनिवेश विभाग की ओर से अधिसूचना जारी कर कहा गया है कि सरकार सीआईएल में अपनी 78.65 फीसद की कुल हिस्सेदारी में से 10 प्रतिशत का विनिवेश करना चाहती है।

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केंद्र ने अपनी इक्विटी हिस्सेदारी शेयर बाजार में नीलाम कर 23 से 24 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।
विनिवेश की इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए मर्चेंट बैंकरों से बोलियां आमंत्रित की गई हैं। पांच ऐसे बैंकरों व ब्रोकरों का चयन किया जाएगा। आवेदन करने की अंतिम तिथि दो सितंबर रखी गई है। सरकार सीआईएल के इच्छुक कर्मचारियों को पांच फीसद की छूट पर शेयर आवंटित करने को लेकर भी विचार कर रही है।

विनिवेश विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक कोल इंडिया की की ऑथराइज्ड कैपिटल 8,904.18 करोड़ रुपये है। इसी साल जनवरी के अंत में सरकार ने सीआईएल में अपनी 10 फीसद हिस्सेदारी बेची थी। इससे उसे 22,557 करोड़ रुपये मिले थे।

इस साल 27 जुलाई के आंकड़ों के मुताबिक कोल इंडिया बाजार पूंजीकरण के लिहाज से चौथी सबसे बड़ी कंपनी है। उसका बाजार मूल्य 2,67,782.27 करोड़ रुपये है। सीआईएल के अधिकारियों का दबी जबान में कहना है कि सरकार के इस कदम का कंपनी से जुड़े ट्रेड यूनियनों की तरफ से कड़ा विरोध देखने को मिल सकता है।

आईओसी के विनिवेश को बैंकर तय

देश की दिग्गज तेल मार्केटिंग फर्म इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के विनिवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वित्त मंत्रालय ने इसके लिए पांच मर्चेंट बैंकरों का चयन कर लिया है। इसमें सिटीबैंक, नोमुरा, डायचे बैंक, कोटक बैंक और जेएम फाइनेंशियल शामिल हैं।

ये मर्चेंट बैंकर आईओसी में केंद्र की 10 फीसद इक्विटी हिस्सेदारी बाजार में नीलाम कर लगभग 9,500 करोड़ रुपये जुटाने में मददगार बनेंगे। फिलहाल सरकार की इंडियन ऑयल में 68.57 फीसद हिस्सेदारी है।


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