जम्मू कश्मीर: हिंसक प्रदर्शन में मुख्य भूमिका निभाने वालों की अब खैर नहीं
छोटे बच्चों को पथराव के लिए उकसाने के साथ-साथ हिंसक प्रदर्शनों को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ अब घाटी में सख्ती कार्रवाई की जाएगी।
नई दिल्ली। जम्मू- कश्मीर में हिंसक प्रदर्शनों को हवा देने वाले गैर सामाजिक तत्वों के खिलाफ राज्य सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। घाटी में जारी हिंसा को रोकने के लिए 400 ऐसे युवकों की पहचान की गई है। जो हिंसक प्रदर्शनों को बढ़ावा दे रहे हैं। इनके नामों की सूची को खुफिया एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को सौंपी है। ताकि उनके ऊपर लगाम लगाया जा सके।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक खुफिया अधिकारियों ने का कहना है कि इन युवकों का तहरीक-ए-हुर्रियत, जमात-ए-इस्लामी और हिजबुल मुजाहिद्दीन से किसी न किसी तरह से जुड़ाव है।
खुफिया अधिकारियों का कहना है कि ये युवक 10-12 साल उम्र वाले बच्चों को उकसाते हैं कि वे सड़कों पर उतर कर पथराव करें। इनमें से कई दक्षिण कश्मीर के गावों से हैं जहां आतंकियों को रहने के लिए घर उपलब्ध कराए जाते हैं। इन प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई जरूरी है क्योंकि इस तरह के कदम उठाकर 2010 के बाद उपजे हालात पर नियंत्रण पाने में मदद मिली थी।
श्रीनगर के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य सरकार को स्पष्ट तौर पर कहा था कि पत्थरबाजों पर सख्ती से नियंत्रण पाने की जरूरत है। एनकाउंटर में हिजबुल मुजाहिद्दीन आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से घाटी में हिंसात्मक प्रदर्शनों का दौर जारी है। जिसके कारण पिछले 50 दिनों से कर्फ्यू लागू है।
कर्फ्यू से जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था को 6400 करोड़ का नुकसान
पीएम से मुलाकात के बाद बोलीं महबूबा, युवाओं को उकसाना बंद करे पाक