इच्छा मृत्यु पर कानून लाने तैयारी कर रही है सरकार
विधि आयोग की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इच्छा मृत्यु पर कानून लाने की एक बार फिर कवायद शुरू की।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्र सरकार पिछले तीन साल से इच्छा मृत्यु पर कानून लाने की तैयारी कर रही है। इस कानून में लाइलाज और मरणासन्न स्थिति में पहुंच गए व्यक्ति के जीवन रक्षक उपकरण हटाने का हक दिए जाने की बात है।
सरकार ने इच्छा मृत्यु का हक मांगने वाली कॉमन कॉज की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि विधि आयोग ने 2006 में इस पर विधेयक का मसौदा बनाकर दिया था। लेकिन, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कुछ कारणों से उसे सहमति नहीं दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अरुणा शानबाग के मामले में फैसला सुनाया और मरणासन्न व्यक्ति से जीवन रक्षक उपकरण हटाने का सशर्त अधिकार दिया। इस फैसले और विधि आयोग की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इच्छा मृत्यु पर कानून लाने की एक बार फिर कवायद शुरू की। एक नया विधेयक तैयार किया गया।
2014 में यह विधेयक स्वास्थ्य मंत्रालय की तकनीकी शाखा को भेजा गया। विधेयक पर अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं। एक्सपर्ट कमेटी ने पैसिव यूथेनेशिया पर कानून बनाने का प्रस्ताव किया है। हालांकि सरकार ने जिंदगी की वसीयत कर जीवन रक्षक उपकरण हटाने का अधिकार देने का कोर्ट में विरोध किया था। सरकार कहना था कि इसका दुरुपयोग हो सकता है।