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अति गरीबों के लिए चीनी पर सब्सिडी जारी रखने की तैयारी

खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इसके संबंध में एक कैबिनेट तैयार किया जा रहा है।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 09:00 PM (IST)Updated: Wed, 29 Mar 2017 01:21 AM (IST)
अति गरीबों के लिए चीनी पर सब्सिडी जारी रखने की तैयारी
अति गरीबों के लिए चीनी पर सब्सिडी जारी रखने की तैयारी

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत राज्यों में अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के पात्र गरीबों को सस्ती चीनी सुलभ कराने के लिए सब्सिडी आगे भी जारी रख सकती है। खाद्य मंत्रालय इस संबंध में मंजूरी के लिए जल्दी ही कैबिनेट नोट पेश कर सकता है।

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वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि गरीबों के लिए चीनी सब्सिडी जारी रखने के लिए खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग सक्षम अधिकारी से मंजूरी के लिए बात कर रहा है। व्यय प्रबंधन आयोग की सिफारिश के अनुरूप सरकार ने मार्च के बाद पीडीएस में सस्ती चीनी वितरण के लिए राज्यों को दी जाने वाली सब्सिडी बंद करने का फैसला किया है।

खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इसके संबंध में एक कैबिनेट तैयार किया जा रहा है। जल्दी ही इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा। बजट आने से पहले खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा था कि एएवाई योजना के तहत गरीबों को सस्ती चीनी सुलभ कराने के लिए सब्सिडी जारी रखी जाए।

केंद्र सरकार राज्यों को राशन की दुकानों पर सस्ती चीनी का वितरण करने के लिए 18.50 रुपये प्रति किलो सब्सिडी देती रही है। अगले वित्त वर्ष से यह सब्सिडी बंद हो जाएगी। इस साल के दावे निपटाने के लिए बजट में इस मद में सिर्फ 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है जबकि पिछले बजट में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 4500 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे।

राज्यों को राशन पर चीनी वितरण के लिए खुले बाजार से खरीद करनी होती है। राशन पर उपभोक्ताओं को चीनी 13.50 रुपये प्रति किलो के मूल्य पर दी जाती है। अभी गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के 40 करोड़ उपभोक्ताओं को सस्ती चीनी सुलभ कराई जाती है। इस तंत्र के जरिये हर साल करीब 27 लाख टन चीनी वितरित की जाती है। अब राज्यों को इन उपभोक्ताओं को सस्ती चीनी सुलभ कराने के लिए अपने स्तर पर सब्सिडी देनी होगी।

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