नोटबंदी के बाद सरकार का अगला कदम, घर में सोना रखने की तय हो सकती है सीमा
30 दिसंबर तक जमा बेहिसाबी राशि की घोषणा करने पर 50 फीसद टैक्स लगाने के साथ ही चार साल के लिए लॉक-इन (राशि निकालने का प्रावधान नहीं) भी हो सकता है।
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद कालेधन से निपटने की दिशा में मोदी सरकार का अगला निशाना सोना हो सकता है। सूत्रों की मानें तो सरकार जल्द ही घर में सोना रखने की सीमा तय कर सकती है।
हालांकि, वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। इस बीच, एक खबर यह भी है कि बंद किए जा चुके नोटों के रूप में 30 दिसंबर तक जमा बेहिसाबी राशि की घोषणा करने पर 50 फीसद टैक्स लगाने के साथ ही चार साल के लिए लॉक-इन (राशि निकालने का प्रावधान नहीं) भी हो सकता है।
मालूम हो कि नोटबंदी की घोषणा के बाद सोने की कीमत दो साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। ज्वेलरों ने इस डर में सोने का भंडार बढ़ाना शुरू कर दिया कि सरकार कहीं सोने के आयात पर रोक न लगा दे। इसके साथ ही लोगों ने भी बंदी वाले नोटों से सोने की खूब खरीददारी की।
पढ़ेंः बड़ी कार्रवाई की तैयारी में सरकार, नोट जमा कराया है तो स्त्रोत भी बताना होगा
इस सिलसिले में कई शहरों में ज्वेलरों के यहां छापेमारी की भी खबरें आईं थीं। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का खरीदार है। आकलन के मुताबिक इसके सालाना 1,000 टन की मांग का एक-तिहाई भुगतान कालेधन से होता है।
बेहिसाबी रकम की घोषणा नहीं की तो लग सकता है 9 फीसद टैक्स और जुर्माना
सूत्रों से मिली इस जानकारी के अनुसार यदि बेहिसाबी रकम की घोषणा नहीं की गई और कर अधिकारियों ने उसे पकड़ा तो 90 फीसद टैक्स और जुर्माना भी लगाया जा सकेगा। लॉक-इन समय भी लंबा हो सकता है।
सूत्रों ने बताया कि इस प्रस्ताव के बारे में गुरुवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आयकर कानून में संशोधन मंजूर किया गया। उन्होंने बताया- "सरकार इस संबंध में संसद के चालू सत्र में ही आयकर कानून में संशोधन पेश करेगी।"
उन्होंने बताया कि सरकार चाहती है कि नोटबंदी के बाद 10 नवंबर से 30 दिसंबर तक बैंक खातों में पुरानी करेंसी जमा कराने की दी गई मोहलत के दौरान जमा होने वाली सभी बेहिसाबी रकम पर टैक्स वसूला जाए।
पढ़ेंः नोटबंदी के नियमों पर सरकारी एजेंसियां घेरे में, तालमेल का अभाव