GST कानून के मसौदे में प्रावधान, सूचना लीक करने पर 6 साल की सजा
जीएसटी मॉडल कानून के शुरुआती मसौदे में जुर्माने की राशि सिर्फ मात्र एक हजार रुपये थी जिसे अब बढ़ाकर 25000 रुपये कर दिया गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर लागू होने पर जीएसटी के असेसीज के डेटा की चाकचौबंद सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार तैयारी करने में जुट गयी है। इसी दिशा में एक और कदम उठाते हुए सरकार जीएसटी मॉडल कानून में एक ऐसा प्रावधान करने जा रही जिसके प्रभाव में आने के बाद अगर कोई व्यक्ति असेसी से संबंधित कोई भी सूचना लीक करता है तो उसे छह माह की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माना लग सकता है।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सरकार ने जीएसटी मॉडल कानून के मसौदे की धारा 142 की उपधारा 4 में सरकार ने इस आशय का प्रावधान किया है। जीएसटी कानून के तहत आंकड़े संग्रहीत करने वाला कोई भी व्यक्ति अगर असेसीज के रिटर्न संबंधित किसी तरह की सूचना लीक करता है तो उसे छह महीने की सजा और 25 हजार रुपये तक का जुर्माना लगेगा।
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सूत्रों ने कहा कि जीएसटी मॉडल कानून के शुरुआती मसौदे में जुर्माने की राशि सिर्फ मात्र एक हजार रुपये थी जिसे अब बढ़ाकर 25000 रुपये कर दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की सातवीं बैठक में इस पर विचार किया था और पिछले हफ्ते हुई 10वीं बैठक में इसे अंतिम रूप से मंजूरी दे दी गयी है। सूत्रों ने कहा कि कानून मंत्रालय ने भी इस प्रावधान पर अपनी मुहर लगा दी है।
सूत्रों ने कहा कि जीएसटी पोर्टल के माध्यम से जीएसटी के आंकड़े एकत्रित करने में जुटे जीएसटी अधिकारी या कोई अन्य कर्मचारी अगर जान बूझकर सूचनाओं का खुलासा करता है तो उसे यह सजा दी जाएगी। माना जा रहा है कि सरकार ने यह कदम जीएसटी लागू होने पर डेटा की सुरक्षा के संबंध में जतायी जा रही आशंकाओं के मद्देनजर उठाया है। जीएसटी का प्रबंधन एक पोर्टल- जीएसटीएन के माध्यम से होगा जो एक निजी कंपनी है। साथ ही कई स्तर पर इसमें निजी क्षेत्र के एजेंट्स भी होंगे। यही वजह है कि सरकार को ऐसा प्रावधान करने की जरूरत पड़ी है।
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