UPA के शासनकाल में BSNL को हुए घाटे की जांच कराने के मूड में सरकार
केंद्र सरकार इस बात की जांच करवाएगी कि वर्ष 2004 में 10 हजार करोड़ रुपये का मुनाफा कमाने वाली यह कंपनी किस तरह से वर्ष 2014 में 8,000 करोड़ रुपये का घाटा उठा रही थी।
नई दिल्ली,(जयप्रकाश रंजन)। यूपीए ने अपने दस वर्ष के कार्यकाल में जिस तरह से योजनाबद्ध तरीके से सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को वित्तीय नुकसान पहुंचाया था, राजग सरकार उसकी तह में जाने की सोच रही है।
सरकार इस बात की जांच करवाएगी कि वर्ष 2004 में 10 हजार करोड़ रुपये का मुनाफा कमाने वाली यह कंपनी किस तरह से वर्ष 2014 में 8,000 करोड़ रुपये का घाटा उठा रही थी। वैसे इस मामले में नया मोड़ यह आया है कि बीएसएनएल एक बार फिर मुनाफा कमाने की स्थिति में आ गई है। ऐसा पहली बार हुआ है कि ग्राहकों की संख्या बढ़ाने में इसने एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया जैसी बड़ी दूरसंचार कंपनियों को पीछे छोड़ा है।
संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दैनिक जागरण को बताया कि बीएसएनएल राष्ट्र की संपत्ति है और अगर किसी ने इसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है तो उसका पता जरुर लगाया जाना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या बीएसएनएल को इस हालात में पहुंचाने की जांच करने के लिए सरकार जांच समिति गठित करेगी तो उन्होंने इसका सीधा जवाब नहीं दिया लेकिन कहा कि, सरकार कई विकल्पों पर विचार कर रही है।
जांच समिति का गठन भी एक विचार का बिंदू है। हां, इसमें कोई दोराय नहीं है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सरकार ने जान बूझ कर बीएसएनएल को आगे नहीं बढ़ने दिया। अगर ऐसा नहीं होता तो आज सिर्फ दो वर्षो में यह कंपनी फिर से न मुनाफा अर्जित करने की स्थिति में आ गई है बल्कि निजी मोबाइल कंपनियों को बेहद कड़ी टक्कर दे रहा है।
उधर, दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (टीआरएआइ) के ताजे आंकड़े बताते हैं कि फरवरी, 2016 में बीएसएनएल के नए ग्राहकों की संख्या में 1.67 फीसद की बढ़ोतरी हुई है जबकि इस दौरान अन्य सभी कंपनियों के नए ग्राहकों की संख्या में संयुक्त तौर पर 0.85 फीसद का ही इजाफा हुआ है। इस दौरान एयरटेल के ग्राहकों की संख्या में 1.18 फीसद, वोडाफोन के ग्राहकों की संख्या में 1.04 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।
रात में मुफ्त काल सेवा देने की योजना से ग्राहकों की संख्या बढ़ाने में सबसे ज्यादा मदद मिली है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि सेवाओं के आधुनिकीकरण का काम पिछले दस वर्षो से ठप्प पड़ा था जिसे अब फिर से रफ्तार दे दिया गया है। वर्ष 2014-15 में 672 करोड़ रुपये का संचालन लाभ अर्जित करने वाली यह कंपनी चालू वित्त वर्ष के दौरान मुनाफा कमाएगी।