प्याज की कीमतों को काबू करने की कोशिश, सरकार ने बढ़ाया निर्यात मूल्य
प्याज के निर्यात तथा बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने के लिये सरकार ने इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य [एमईपी] 300 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 500 डॉलर प्रति टन कर दिया है। इसका मतलब है कि देश से 30 रुपये प्रति किलो से कम कीमत पर प्याज के निर्यात की अनुमति नहीं दी जाएगी। 17 जून को प्याज पर 300 डॉलर प्रति टन की एमईपी लगाया गया था।
नई दिल्ली। प्याज के निर्यात तथा बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने के लिये सरकार ने इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य [एमईपी] 300 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 500 डॉलर प्रति टन कर दिया है। इसका मतलब है कि देश से 30 रुपये प्रति किलो से कम कीमत पर प्याज के निर्यात की अनुमति नहीं दी जाएगी। 17 जून को प्याज पर 300 डॉलर प्रति टन की एमईपी लगाया गया था। माना जा रहा है कि इससे घरेलू बाजारों में आपूर्ति बनी रहेगी और बढ़ती कीमतों को रोकने में मदद मिलगी।
राष्ट्रीय राजधानी में हाल के दिनों में प्याज की कीमत बढ़कर 25-30 रुपये प्रति किलो हो गई, जो पखवाड़े भर पहले 15-20 रुपये प्रति किलो थी। एमईपी वह दर होती है, जिसके नीचे निर्यात की अनुमति नहीं दी जाती है। इस नीति को फिर से लागू किया गया है जबकि सिर्फ तीन महीने पहले मार्च में पिछली सरकार ने इसे खत्म किया था। वाणिज्य मंत्री ने एक अधिसूचना में कहा कि प्याज की हर किस्म के निर्यात पर 500 डॉलर प्रति दिन का एमईपी लागू होगा।
गौरतलब है कि घरेलू बाजार में प्याज के दाम को बढ़ने से रोकने के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य [एमईपी] तय किये जाने के बावजूद देश में प्याज के सबसे बड़े थोक बाजार, लासालगांव में पिछले दो सप्ताह में प्याज का भाव 40 प्रतिशत बढ़कर 18.50 रुपये किलो हो गया था।