सरकार का दावा, गंगा किनारे के गांव हो जाएंगे सौ फीसद स्वच्छ
सरकार का दावा है कि गंगा किनारे बसे सौ फीसदी गांव के अंदर बुनियादी सुविधाएं मुहैया करा दी जाएंगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गंगा किनारे बसे सौ फीसद गांव खुले में शौच मुक्त हो जाएंगे। साल के आखिर तक हर गांव में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के साथ लोगों को जागरुक भी कर दिया जाएगा। सरकार का दावा है इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। भारत स्वच्छ मिशन की यह पायलट परियोजना है, जिसमें गंगा किनारे बसे 1651 गांवों को चिन्हित किया गया है।
स्वच्छता मिशन की प्रगति पर मंगलवार को आयोजित यहां केंद्रीय पेयजल व स्वच्छता, वन व पर्यावरण के साथ रक्षा सचिव की संयुक्त प्रेसवार्ता की गई। इस दौरान तीनों मंत्रालयों ने स्वच्छता के बारे में अपनी प्रगति का ब्यौरा दिया। एक सवाल के जवाब में पेयजल व स्वच्छता सचिव परमेश्वरन अय्यर ने बताया कि उत्तराखंड से लेकर पश्चिम बंगाल तक गंगा तट पर बसे गांवों को साफ करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इन गांवों को शत प्रतिशत खुले में शौच मुक्त बनाना लक्ष्य हर हाल में 31 दिसंबर 2016 तक पूरा कर लिया जाएगा।
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उन्होंने बताया कि गंगा किनारे के इन गांवों में से 300 गांव पहले ही खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 52 जिलों के कलेक्टरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पिछले सप्ताह ही इलाहाबाद में इन सभी 1651 गांवों के प्रधानों और जिला कलेक्टरों के साथ केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सीधी बातचीत की। उन्होंने इसे सरकार काम के बजाय सामाजिक आंदोलन के रुप में लेने की अपील की।
एक अन्य सवाल के जवाब में सचिव अय्यर ने बताया कि उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाना एक बड़ी चुनौती है। लेकिन राज्य सरकारों के सहयोग से इसमें सफलता जरूर मिलेगी। उत्तर प्रदेश के पंचायती राज, पेजयल व स्वच्छता मंत्री राजकिशोर सिंह ने एक अन्य बातचीत में कहा कि राज्य सरकार इसमें पूरा सहयोग देगी। केंद्र की इस योजना को हर गांव तक पहुंचाना उनकी सरकार की उच्च प्राथमिकता है।
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