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नोटबंदी के 30 दिनः सरकार, आरबीआई अौर बैंकों के अलग-अलग सुर

हर एजेंसी इस सवाल का अलग-अलग जवाब दे रही है, लेकिन हकीकत यह भी है कि अभी तक इस बारे में कोई ठोस आंकड़ा पेश नहीं किया जा सका है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 10:03 PM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 10:28 PM (IST)
नोटबंदी के 30 दिनः सरकार, आरबीआई अौर बैंकों के अलग-अलग सुर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आरबीआई और बैंकों के असमंजस और विरोधाभाषी बयानों ने पुराने नोटों को लेकर दुविधा बढ़ा दी है। इस सवाल का जवाब देना मुश्किल हो रहा है कि आखिरकार अभी तक बाजार से 500 व 1000 रुपए के कितने पुराने नोट वापस हुए हैं। हर एजेंसी इस सवाल का अलग-अलग जवाब दे रही है, लेकिन हकीकत यह भी है कि अभी तक इस बारे में कोई ठोस आंकड़ा पेश नहीं किया जा सका है। इसके पीछे असली वजह नोट वापसी की पूरी प्रक्रिया के बेहद उलझे हुए होने को बताया जा रहा है।

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आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने बुधवार को वाषिर्षक मौद्रिक नीति की समीक्षा करने के अवसर पर बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रचलन से बाहर किए गए 500 व 1000 रपए के 11.55 लाख करोड़ मूल्य के नोट बैंकों में जमा किए जा चुके हैं। लेकिन उसी दिन वित्त मंत्रालय में काले धन को निकालने को लेकर तमाम जांच एजेंसियों की बैठक में यह बताया गया कि बैंकों में लौटी रकम 12.50 लाख करोड़ रुपए है।

लेकिन सरकार के स्तर पर यह अनिश्चितता यहीं खत्म नहीं हुई बल्कि देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक की प्रमुख अरुंधती भट्टाचार्य ने नोट वापसी के दिए गए अांकड़ों पर ही सवाल खड़ा कर दिया। उनके मुताबिक हो सकता है कि इसमें दोहराव शामिल हो और वास्तविक अांकड़ा 15 फीसदी तक कम हो सकता है।

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सरकार का अंदाजा

सरकार को भी इस बात का अंदाजा होने लगा है कि बाजार से सारे पुराने नोट वापस हो सकते हैं या उसकी उम्मीद से ज्यादा नोट वापस सिस्टम में लौट सकते हैं। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया के साथ बातचीत में इस बात को स्वीकार किया कि पहले जहां हमें उम्मीद थी कि तीन लाख करोड़ रुपए तक की राशि नहीं आएगी वही अब इस बात की संभावना है कि सारे नोट वापस आ जाएं। इसको देखकर ही पिछले एक हफ्ते से आयकर विभाग के साथ ही स्थानीय प्रशासन और प्रवर्तन निदेशालय को भी काले धन को पकड़ने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद कर दिया गया है।

अभी तक 2100 करोड़ रुपए के काले धन का पता भी लग गया है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक बैंक में रकम जमा कराने का यह मतलब भी नहीं है कि सारा धन सफेद हो गया है। जन धन खातों से लेकर पेंशन खातों व अन्य तरीकों से काले धन को सफेद करने का काम हुआ है और सरकार इन सभी का पता लगाने में जुटी हुई है। नोटबंदी के वक्त आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा करने के वक्त यह बताया गया था कि 14.5 लाख करोड़ रुपए के पुराने नोट बाजार में हैं। सरकार को उम्मीद थी कि इसमें से 3 लाख करोड़ रुपए की राशि नहीं आएगी। पहले 30 दिनों के भीतर 11.5-12.5 लाख करोड़ रुपए की राशि वापस आ चुकी है। अभी 22 दिन बाकी हैं।

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