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गौरक्षकों ने बचाई 25 गायें, तमिलनाडु के कतलखाने ले जा रहे थे तस्कर

गायें वडोदरा की एक गौशाला से तमिलनाडू के एक कत्लखाने ले जाई जा रही थी।

By Mohit TanwarEdited By: Published: Mon, 24 Apr 2017 06:05 PM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 06:05 PM (IST)
गौरक्षकों ने बचाई 25 गायें, तमिलनाडु के कतलखाने ले जा रहे थे तस्कर
गौरक्षकों ने बचाई 25 गायें, तमिलनाडु के कतलखाने ले जा रहे थे तस्कर

अहमदाबाद, जेएनएन। गौरक्षकों को लेकर जहां देश में हो हल्ला मचा है वहीं सूरत के तीन गौरक्षकों ने गीर व कांकरेज नसल की दो दर्जन से अधिक गाय व बछडों को कत्लखाने जाने से बचा लिया। ये गायें वडोदरा की एक गौशाला से तमिलनाडू के एक कत्लखाने ले जाई जा रही थी।

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सूरत के अमरोली निवासी दीपेन परमार ने शनिवार रात्रि पोर के पुल के पास से एक ट्रक में गाय व बछडों को ठूंस ठूंस के भरा देखा तो उन्हें शक हुआ, दीपेन अपने साथी अर्जुन सिंह व प्रज्ञेश को फोन कर अपने साथ बुला लिया तथा ट्रक का पीछा कर ड्राइवर से गायों की तसकरी के बारे में पुछताछ की।

ड्राइवर ने बताया कि वडोदरा की एक गौशाला से 13 गीर, 12 कांकरेज गायें तथा बछडे खरीदकर वे तमिलनाडु कांचीपुरम ले जा रहे हैं। इस मामले में पुलिस शिकायत करने पर गायों की तस्करी का मामला उजागर हुआ, पुलिस निरीक्षक आई एच गोहिल ने बताया कि वडोदरा राघवपुरा के एक गौशाला संचालक ने इसे बंद कर अब डेयरी फार्म खोल लिया। इस मामले में उसकी लिप्तता की जांच पुलिस कर रही है।

गौरतलब है कि पिछले माह ही गुजरात सरकार ने गौरक्षा कानून को सख्त कर गौहतया मामले में आजीवन कारावास तथा गौवंश तस्करी में 7 साल तक की सजा का प्रावधान किया है। गौतसकरी यहां गैरजमानतीय अपराध है तथा इसके लिए प्रयुक्त वाहनों को भी जपत किया जाता है। 

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