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अमेरिकी मीडिया ने कहा-भारत में अभी नहीं आए अच्छे दिन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मंगलवार को अपना एक साल पूरा कर लिया। अमेरिकी मीडिया ने मोदी सरकार के कामकाज पर आलोचनात्मक रूख दिखाया है। अमेरिकी अखबारों के मुताबिकच्अच्छे दिन अभी दूर हैं। महत्वाकांक्षी 'मेक इन इंडिया' अभियान अब तक सुर्खियों में ही रहा और भारी

By manoj yadavEdited By: Published: Tue, 26 May 2015 08:15 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2015 09:27 PM (IST)
अमेरिकी मीडिया ने कहा-भारत में अभी नहीं आए अच्छे दिन

न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मंगलवार को अपना एक साल पूरा कर लिया। अमेरिकी मीडिया ने मोदी सरकार के कामकाज पर आलोचनात्मक रूख दिखाया है। अमेरिकी अखबारों के मुताबिकच्अच्छे दिन अभी दूर हैं। महत्वाकांक्षी 'मेक इन इंडिया' अभियान अब तक सुर्खियों में ही रहा और भारी उम्मीदों के बीच रोजगार में वृद्धि धीमी बनी हुई है।

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वॉल स्ट्रीट जर्नल ने सरकार के एक साल पूरा होने पर 'इंडियाज मोदी एट वन ईयर : यूफोरिया फेज इज ओवर, चैलेंजेस लूम' शीर्षक से एक लेख प्रकाशित किया है। इसमें कहा गया है, 'बदलाव और आर्थिक पुनर्जीवन के लिए पूर्ण बहुमत के साथ नरेंद्र मोदी को जनादेश मिलने के बाद भी हकीकत लगभग वैसी ही है।' विनिर्माण के क्षेत्र में तेजी से विकास के मकसद से शुरू किया गया 'मेक इन इंडिया' अभियान अब तक ज्यादातर चर्चाओं में ही रहा है।

लड़खड़ा रही अर्थव्यवस्था

लेख में कहा गया है कि निर्यात जैसे आर्थिक मानक बताते हैं कि अर्थव्यवस्था अब भी लड़खड़ा रही है। पिछले साल पूंजीगत निवेश के लिए मुद्रास्फीति समायोजित उधारी 2004 के बाद के सबसे निचले स्तर पर आ गई और निर्यात अप्रैल में लगातार पांचवे माह गिरा है। वहीं, कंपनियों की आमदनी मामूली रही है और विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मई में अभी तक भारतीय शेयर और बॉन्ड बाजारों से करीब 2 अरब डॉलर की निकासी की है।

विदेश से नजर आता है सितारा

न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है, 'विदेश से देखें तो भारत उभरता हुआ सितारा नजर आ रहा है और इस साल इसके चीन से भी आगे निकलकर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है। लेकिन, भारत में रोजगार की बढ़ोतरी सुस्त बनी हुई है, कारोबारी 'इंतजार करो और देखो' का रुख अपना रहे हैं।'

इन्होंने रोका मोदी को

अखबार ने लिखा है, 'मोदी को राजनीतिक जोखिम का सामना करना पड़ रहा, क्योंकि विपक्षी दलों के नेताओं ने उनके दो प्रमुख सुधारों को रोक दिया है। उन पर गरीब विरोधी व किसान विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं।'

सुपरहीरो नहीं होते

न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार लोगों के मन में अत्यधिक उम्मीदें पैदा कर सबसे बड़ी समस्या मोदी ने खुद पैदा की है। परिधान निर्यातक प्रमुख भारतीय कंपनी ओरिएंट क्राफ्ट के उपाध्यक्ष विमर्श राजदान के हवाले से अखबार ने लिखा है कि मोदी सरकार की छवि उससे बड़ी हो गई। वे सुपरहीरो की तरह हैं और सभी जानते हैं कि सुपरहीरो नहीं होते।

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