ग्लोब मास्टर एनडीआरएफ टीम लेकर नेपाल रवाना
नेपाल में आए प्रलयंकारी भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्यों में वायु सेना भी जुट गई है। शनिवार शाम हिंडन एयरफोर्स स्टेशन के बेस कैंप से तीन सी-17 ग्लोब मास्टर वायु सेना के स्पेशल स्टाफ व एनडीआरएफ की टीमों को लेकर नेपाल रवाना हुए।
गाजियाबाद (गौरव शशि नारायण) । नेपाल में आए प्रलयंकारी भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्यों में वायु सेना भी जुट गई है। शनिवार शाम हिंडन एयरफोर्स स्टेशन के बेस कैंप से तीन सी-17 ग्लोब मास्टर वायु सेना के स्पेशल स्टाफ व एनडीआरएफ की टीमों को लेकर नेपाल रवाना हुए। मालवाहक विमान सी-17 ग्लोब मास्टर से दो सौ से अधिक एनडीआरएफ जवान, स्पेशल ट्रेंड डॉग स्क्वॉयड टीम के साथ राहत व बचाव सामग्री भेजी गई। हिंडन एयरफोर्स स्टेशन के एयर ऑफिसर कमांडिंग अनिल सबरवाल ने बताया कि मंत्रालय के दिशा निर्देश पर बचाव कार्य किया जा रहा है।
नेपाल में आई आपदा में राहत व बचाव कार्य करने के लिए गाजियाबाद से नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की छह टीमें रवाना की गई। एनडीआरएफ बटालियन के कमांडेंट पीके श्रीवास्तव के नेतृत्व में दोपहर एक टीम हिंडन एयरफोर्स से रवाना हुई। अन्य टीमों को कुल तीन विमानों से शाम तक नेपाल भेजा गया। सभी टीमों के पास आपदा से बचाव के उपकरण और राहत सामग्री पर्याप्त मात्रा में है।
पायलट बीएस रेड्डी ने बताया कि ग्लोब मास्टर दुनिया की तमाम वायु सेनाओं में एक बड़ा सैन्य परिवहन विमान माना जाता है। अमेरिकी वायु सेना ने इसे विकसित किया है। भारतीय वायुसेना ग्लोब मास्टर की संख्या में अमेरिकी सेना के बाद दूसरे स्थान पर है। सी-17 ग्लोब मास्टर आपदा और युद्ध के दौरान माल के साथ सेना को भी उतार सकता है। इसमें हथियारों से लैस पूरी एक बटालियन सफर कर सकती है।
इसलिए खास है ग्लोब मास्टर
सी-17 ग्लोब मास्टर 174 फीट लंबा है और इसके डैने 170 फीट में फैले हैं। इसका कुल वजन 2,65,350 किलोग्राम का है और यह अत्याधुनिक माल लदान की क्षमता से युक्त है ।
माल वहन क्षमता- 76,519 किलोग्राम, रफ्तार- 830 किलोमीटर प्रति घंटा, ईधन क्षमता- 1,34556 लीटर
विशेषता : यह आधुनिक मालवाहक विमान है। विपरीत मौसम वाली परिस्थितियों में काम करने में सक्षम है। लंबी दूरी तक भारी माल लेकर जा सकता है। छोटे और कम सुविधाओं वाले रनवे पर भी उतरने में सक्षम है।
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